यह एक महिला की कहानी है जो बिल्कुल अकेली है जिसके अपनों ने उसे अकेला कर दिया है क्या किसी अजनबी से उसे अपनापन मिल पाता है क्या वह अपनापन शादी तक पहुंचता है क्या शादी ही सब कुछ होती है भाई ऐसे कुछ सवालों के जवाब के साथ पढ़ते हैं कहानी आभा।
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<p><br></p> <p>(यह कहानी प्रतियोगिता के उद्देश्य लिखी गई है । किसी भी जीवित या मृत व्यक्ति से इसकी स
<p><br></p> <p>जिस प्रकार हर सिक्के के दो पहलू होते हैं ।उसी प्रकार जो बात अभिशाप है, वह किसी के लिए
<p><br></p> <p> एक दिन
<p><br></p> <p><br></p> <p> मैं अपनी बैंक की इस नौकरी से संतुष्ट
<p><br></p> <p><br> <br> <br> </p> <p> &n
<p><br></p> <p><br> <br> <br> </p> <p> म
<p><br></p> <p> मैं भगवान तो हूँ नहीं कि कर्मों का लेखा जोखा करके व्यक
<p><br></p> <p>एक अधूरी . . . . सुहानी शाम</p> <p> &n
<p><br> <br> मर्जी या साजिश</p> <p>  
<p><br></p> <p>आज का प्रतिलिपि विषय "तुम्हारे लिए ये फूल"<br> </p> <p>गुलाब मोगरा के फूलों से उसका श