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आदि से अंत तक मनुज अकेला,

27 अगस्त 2022

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आदि से अंत तक मनुज अकेला,
करता जन किस पर अभिमान।
टूट जाये जब सांस की डोरी,
पहुंचे अकेला तू शमसान।।

किसके लिए बैचेन जगत में,
करता जीवन संग घमासान।
जब से कदम रखा धरा पर,
मां बाप का है अहसान।
भूल ना जाना कर्ज है इनका,
इनके रक्त से मिली पहचान।।
ममता की मूरत मां होती,
पिता सपनों का करें सम्मान।।

रिश्ते अपना फर्ज निभाते,
करते हैं तेरे से प्यार।
जब तक स्वार्थ रहे तेरे संग,
माने तुझको सारा संसार।।
विपत्ति आये जब संग तेरे,
कैसा होगा इनका व्यवहार।
रह जायेगा सदा अकेला,
यह रिश्तों का असली सार।।

बंधन तेरे बंधे सभी से,
यह कर्तव्य यहां कहलाये।
अपना अपना फर्ज निभाकर,
तुझे अकेला छोड़ चले जाय।
इस विश्वास में रहना मत तुम,
तुझे कोई संग मिल जाय।।


धन-दौलत पास है तेरे,
संग तेरे लख जन मिल जाये।
जब तू दौलत को बंद करें तू,
छोड-छोड तुझको भाग जाये।।
जो करता तू मद रिश्तों पर,
काम तेरे एक नहीं आय।।

जो जीवन मिला है तुझको,
तू ही उसका चलावन हार।
खुद के श्रम दिमाग से चले तेरे पग,
हर श्वास का रक्षक तू ही यार।।
करतब ऐसे जन तू कर ले,
जो जाने तुझको संसार।

अंत समय तक श्वासें चलती,
रहता मनुज अकेला यहां।
खुद के सुख दुख खुद के संग है,
कोई नहीं संग जाता यहां।
पंचतत्व से बना यह तन,
पंचतत्व में मिल जाय।
नेक काम करले कुछ बंदे,
जो जग तुझे अश्क बहाय।।


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रचनाएँ
मासिक प्रतियोगिता अगस्त 2022
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इस पुस्तक में हमारे जीवन में दिन-प्रतिदिन होने वाले परिवर्तन और मेरे दैनिक जीवन की जीवंत घटनाओं को चित्रित करने की कोशिश कर रहा हूं।
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एक अनजान सफर

5 अगस्त 2022
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एक अनजान सफर है जिंदगी का,जिंदगी की राह बड़ी कठिन है।।कुछ की चाह है जिंदगी में,कुछ करने की कोशिश हर दिन है।।पत्थरों को तोडकर ,पानी निकालने की चाह है।।पंख उगाकर गगन में, उड़ने की चाह है।।हर तरफ सी

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प्रदूषण

5 अगस्त 2022
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5 अगस्त 2022
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प्रेम

5 अगस्त 2022
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आजादी के किस्से

7 अगस्त 2022
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बचपन

7 अगस्त 2022
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बचपन मनुष्य के जीवन की एक अनुपम अवस्था है।।ना द्वेष ना दम्भ ना ईर्ष्या ना अहम् बचपन में सब सस्ता है।।प्रेम दया करुणा और अपनापन का भाव होता है।।हर तरफ रखता है समता मन बचपन में साफ होता है।।चेहरे की एक

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आजादी की रात

9 अगस्त 2022
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याद रहेगी वह रात सदा,आजादी की खुशियां जन-जन दिल में।वह याद कुर्बानी सदा,जो दे गये जान आजादी जंग में।।रक्त रंजित होकर भी वे,पीछे ना कदम हटाये कभी।हंसते हंसते भारत भू पर,आजादी के सपने सजाए सभी।।जो

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सहोदर सहोदरा

11 अगस्त 2022
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तुम मेरे अग्रज हो सबसे प्यारे,मेरे बचपन के साथी हो।एक आंगन क्रीड़ा कर पले,मेरे जीवन के हिमायती हो।।जीवन में हर खुशी मुझे दी,संग-संग मुझको बड़ा किया।माता-पिता के संग-संग अग्रज,मुझे असीम तूने प्यार दिया

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तेरी सूरत

25 अगस्त 2022
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हे जन तेरी इस भोली सूरत में संसार छुपा है।इस सारी दुनिया का दुख दर्द छुपा है।कितनी मशक्कत करनी पड़ती है जिंदगी को चलाने के लिए।कितनी तपस्या करनी पड़ती है मनुष्य जीवन पाने के लिए।सारी दुनिया के दर्द छु

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27 अगस्त 2022
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यादगार पल

29 अगस्त 2022
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यादगार सफर है जिंदगी का, हमें अहसास दिलाता है हर खुशी का। कभी खुशी और कभी पल गम के, कभी किस्से कमजोरी के कभी दम के।। मां के गर्भ से सफर, शुरू किया हमने। जन्म पर खुशियां थी, सबको हंसाया था हमने। घर के

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