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प्रदूषण

5 अगस्त 2022

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हवा विषैली हो गई दुनिया में,
जहर पी रहा है जन-जन।
हर मानव का बीमारी झेल रहा,
जबाव दे रहा है जन तन।।
मानव शक्ति हीन हो रही,
रसायन युक्त खाना और पीना।।
इस दुनिया में मुश्किल हो गया,
हर मानव का जीवन जीना।
सलिल है मैला,पवन विषैली,
शोर मच है हर तरफ यहां।।
प्रकृति प्रकोप ढा रही,
प्रकृति से खिलवाड़ यहां।।
सागर का अमृत जल ,
उद्योगों ने किया विषैला।
गंगा यमुना का शीतल अमी जल,
गंदगी,रसायन से हुआ कसैला।।
तोड रही उम्मीद मनुज की,
धरा गगन पर पाप बढ़ रहे।।
स्वहित में हर तरफ मनुज यहां,
चिड़चिड़ापन से यहां जूझ रहे।।
महामारी की मार पड़ रही,
वायरस अपनी दस्तक दे रहे।
हाहाकार मचा हर तरफ जग,
मनुज मौत से हर तरफ लड़ रहे।।
पर्यावरण अगर अशुद्ध होता रहा,
जीवन संभव नहीं रह पायेगा।।
श्वास लेना और जल ही जीवन,
मानव तन को खा जायेगा।।
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रचनाएँ
मासिक प्रतियोगिता अगस्त 2022
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इस पुस्तक में हमारे जीवन में दिन-प्रतिदिन होने वाले परिवर्तन और मेरे दैनिक जीवन की जीवंत घटनाओं को चित्रित करने की कोशिश कर रहा हूं।
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एक अनजान सफर

5 अगस्त 2022
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एक अनजान सफर है जिंदगी का,जिंदगी की राह बड़ी कठिन है।।कुछ की चाह है जिंदगी में,कुछ करने की कोशिश हर दिन है।।पत्थरों को तोडकर ,पानी निकालने की चाह है।।पंख उगाकर गगन में, उड़ने की चाह है।।हर तरफ सी

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प्रदूषण

5 अगस्त 2022
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हवा विषैली हो गई दुनिया में,जहर पी रहा है जन-जन।हर मानव का बीमारी झेल रहा,जबाव दे रहा है जन तन।।मानव शक्ति हीन हो रही,रसायन युक्त खाना और पीना।।इस दुनिया में मुश्किल हो गया,हर मानव का जीवन जीना।सलिल ह

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मौन‌ हो रहे हैं रिश्ते

5 अगस्त 2022
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मौन‌ हो रहे हैं रिश्ते इस दुनिया की भीड़ में।आंखों में आसूं बहते हैं हर जन की नीड़ में।।प्रेम दया करुणा रोती है छुप-छुपकर एक कोने में।जननी रोती है वृद्धाश्रम जो रोना ना सहती बिछौने में।।हर तरफ आंसू बह

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प्रेम

5 अगस्त 2022
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प्रेम बरसता है आंखों से,झरना बहता है झर-झर।तेरी सुंदरता की बात नहीं,भरा प्रेम का सरोवर।।नयन नशीले होंठ रसीले,चंचलता है तेरे मन में।है सुमन से सुंदर सखी शरीर,खिला अंग-अग तेरे तन में।।लटा लटक रही मुखमंड

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आजादी के किस्से

7 अगस्त 2022
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देश प्रेम के भाव भरे हैं हर जन के दिल में।शान तिरंगा है भारत मां का प्रेम बसा है दिल में।।रक्त खोलता है हर जन का ऊंगली उठाये जो देश पर।दुश्मन को हम नहीं छोड़ेंगे जान छिडक दे देश पर।।उत्तर से दक्षिण तक

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बचपन

7 अगस्त 2022
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बचपन मनुष्य के जीवन की एक अनुपम अवस्था है।।ना द्वेष ना दम्भ ना ईर्ष्या ना अहम् बचपन में सब सस्ता है।।प्रेम दया करुणा और अपनापन का भाव होता है।।हर तरफ रखता है समता मन बचपन में साफ होता है।।चेहरे की एक

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आजादी की रात

9 अगस्त 2022
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याद रहेगी वह रात सदा,आजादी की खुशियां जन-जन दिल में।वह याद कुर्बानी सदा,जो दे गये जान आजादी जंग में।।रक्त रंजित होकर भी वे,पीछे ना कदम हटाये कभी।हंसते हंसते भारत भू पर,आजादी के सपने सजाए सभी।।जो

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सहोदर सहोदरा

11 अगस्त 2022
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तुम मेरे अग्रज हो सबसे प्यारे,मेरे बचपन के साथी हो।एक आंगन क्रीड़ा कर पले,मेरे जीवन के हिमायती हो।।जीवन में हर खुशी मुझे दी,संग-संग मुझको बड़ा किया।माता-पिता के संग-संग अग्रज,मुझे असीम तूने प्यार दिया

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तेरी सूरत

25 अगस्त 2022
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हे जन तेरी इस भोली सूरत में संसार छुपा है।इस सारी दुनिया का दुख दर्द छुपा है।कितनी मशक्कत करनी पड़ती है जिंदगी को चलाने के लिए।कितनी तपस्या करनी पड़ती है मनुष्य जीवन पाने के लिए।सारी दुनिया के दर्द छु

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आदि से अंत तक मनुज अकेला,

27 अगस्त 2022
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आदि से अंत तक मनुज अकेला,करता जन किस पर अभिमान।टूट जाये जब सांस की डोरी,पहुंचे अकेला तू शमसान।।किसके लिए बैचेन जगत में,करता जीवन संग घमासान।जब से कदम रखा धरा पर,मां बाप का है अहसान।भूल ना जाना कर्ज है

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यादगार पल

29 अगस्त 2022
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यादगार सफर है जिंदगी का, हमें अहसास दिलाता है हर खुशी का। कभी खुशी और कभी पल गम के, कभी किस्से कमजोरी के कभी दम के।। मां के गर्भ से सफर, शुरू किया हमने। जन्म पर खुशियां थी, सबको हंसाया था हमने। घर के

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