"पद"कोयल कुहके पिय आजाओ,साजन तुम बिन कारी रैना, डाल-पात बन छाओ।।बोल विरह सुर गाती मैना, नाहक मत तरसाओ ।भूल हुई क्यों कहते नाहीं, आकर के समझाओ।।जतन करूँ कस कोरी गगरी, जल पावन भर लाओ।सखी सहेली मारें ताना, राग इतर मत गाओ।।बोली ननद जिठानी गोली, आ देवर धमकाओ।बनो सुरक्षा कव