
आपने रोहित वेमुला की माँ की आँखों में आंसू देखे थे ?
आपने नजीब की माँ की आँखों में भी आंसू देखे थे ?
पर आपको वह नजर नहीं आये ...
वह नेता नहीं थे
वह नेताओं के पुत्र-पौत्र नहीं थे...
आपने उस उना काण्ड में मार खाने वालों के भी आंसू देखे थे
आपको उस वक्त क्या लगा था ?
आपने जब वह फैसला आया
जब देश में आप जो रूपये गर्व से रखते थे
वह रात भर में रद्दी हो गए
आप आंसू को भूल गए या वह आंसू कभी आपको आंसू ही नहीं लगे !
पर उस अराजकता के माहौल में
कुछ 25 जाने जा चूकी है
देश के लिए ...
और उन लोगों के घरों में भी आंसू है
पर कोई अलगारी आता है विदेश छे
वहां हँसता है आप पर
और आके आपके लिए ही रो देता है
आप वह देखते हो
आप जूनून से भर जाते हो
और वह सब आंसू जैसे सूख जाते है
देश के लिए वह बेजान से आंसू
देश की धरती पर कही दफ़न हो जाते है
कहीं जल जाते है
तो कही भुलाए जाते है
#देश के लिए
- हरेश परमार