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23 अक्टूबर 2023

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" ये कहानी है, एक 18 साल की एक ऐसी लड़की की। जो कि एक मिडिल क्लास फैमिली से बिलॉन्ग करती थी और अपने मां पापा और तीन छोटे भाई बहनों के साथ दिल्ली में रहती थी। उसके मां पापा अक्सर एक दूसरे से, पैसों की तंगी को लेकर, लड़ाई झगड़ा किया करते थे।फिर किसी ने कहा ओके मैं आपको बता देती हूं मैंने अभी तक

कृषि के घर के बाकी बचे को लेकर काफी टेंशन मैं एंटर किया था। और काफी टेंशन के बाद भी , उसने पढ़ाई से मन नहीं हटाया ।स्कूल से आकर खाना खाने के बाद , वो घर से थोड़ी दूरी पर ,एक बरगद के पेड़ के नीचे कम से कम 2 घंटे बैठकर पढ़ाई किया करती थी। मिड  टर्म एग्जाम खत्म होने के बाद , फाइनल एग्जाम की तैयारी में बिजी कृषि । कुछ समय से अपनी पढ़ाई पर फोकस नहीं कर पा रही थी। उसकी मां की तबीयत खराब होने की वजह से । अपनी मां मां की जगह , घर के बाकी सारे काम करती । और उनकी सेवा करती। लगभग डेढ़ महीने तक,कृषि कोई तैयारी नहीं कर पाई । कृषि के पास अब से एक महीना बचा था । फाइनल एग्जाम क्लियर न कर पाने की टेंशन को लेकर, कृषि रोने लग गई। "  " 

;और बरगद के पेड़ के नीचे किताबें लेकर बैठ गई , वो पढ़ना तो चाहत रही थी । लेकिन पढ़ने में उसका मन ही नहीं लग रहा था। ये सोच कर कि बाकी की, पढ़ाई इतनी जल्दी कैसे हो पाएगी। तभी उसके पास एक लड़का आया , जो उसी के स्कूल की जैसी, यूनिफॉर्म पहने हुए था । और हाथ में कुछ किताबे लिए हुए था। " " 

" " उसने अपना हाथ , कृषि की तरफ बढ़ाया, और हाय बोला। कृषि ने उस लड़के को देखते हुए , पूछा आप कौन....? " " 

" " लड़के ने मुस्कुराते हुए कहा,मेरा नाम तरुण है । मैं तुम्हारे क्लास टीचर अंकित सर के कजिन का बेटा हूं !! " " 

" " मुझे पता चला सर से , कि तुम पढ़ाई में बहुत अच्छी हो। ट्यूशन भी नहीं लेती हो, फिर भी हमेशा अच्छे मार्क्स आते हैं। तुम्हारे पिछले कुछ दिनों से , स्टडी बहुत डिस्टर्ब हो रही है । " " 

" " सो आई कैन हेल्प यू मिस कृषि ......? तभी कृषि नेपूछा, मगर आप मेरी मदद कैसे कर सकते हैं। " " 

" " तरुण ने कृषि से कहा ,मैं ट्वेल्थ क्लास में हूं। हमारे सेम स्ट्रीम है। बस सेक्शन अलग है यार, बिलीव मी मैं तुम्हारी हेल्प कर सकता हूं ।फिर कृषि ने कहा, ओके मैं बता देती हूं मैंने अभी तक क्या-क्या कंप्लीट नहीं किया है!!! और कौन से चैप्टर मैंने क्लियर कर लिए हैं ,कृषि बताने ही वाली थी। कि तरुण ने अपने हाथों से उसका मुंह बंद कर दिया। और 1 चैप्टर के क्वेश्चन आंसर , निकाल कर दिया याद करने के लिए। कृषि ने जब देखा तो, तरुण ने वही चैप्टर निकाल कर दिया । जिसका नाम कृषि बताने वाली थी । कृषि के पूछने पर तरुण ने जवाब दिया !!! तुम चुपचाप पढ़ते हुए बहुत अच्छी लगती हो । चलो अब एक बार पढ़ कर दिखाओ। " " 

येसुनकर खुशी मुस्कुराने लगी ,और वो पढ़ाई करने लगी। ऐसे ही दिन निकलते चलते गए । और फाइनल एग्जाम शुरू होने लगे । एग्जाम से 1 दिन पहले ,तरुण कृषि को कुछ इंपॉर्टेंट में नोट्स देता था । और कृषि उन्हें पढ़कर एग्जाम देने जाती थी । आश्चर्य की बात तो ये थी । कि एग्जाम में सेमवही क्वेश्चन आते थे । जो कि इंपॉर्टेंट नोट्स में लिखे हुए थे।

ऐसे ही सारे एग्जाम से निकलते गए ,,और एग्जाम के आखिरी दिन ,कृषि तरुण को एग्जाम सेंटर में ढूंढने लगी। कृषि सारे सेक्शन में गई । लेकिन तरुण नाम का , कोई भी लड़का नहीं मिला । सब ने बताया कि तरुण नाम का ट्वेल्थ में कोई भी बच्चा नहीं पढ़ता। कृषि एग्जाम हॉल में पेपर सबमिट करने के बाद, अपने स्कूल गई और ट्वेल्थ के सारे सेक्शन के क्लास टीचर से बात की।

लेकिन उनके सेक्शन में तरुण नाम का कोई लड़का नहीं था । किसी को समझ नहीं आ रहा था, कि तरुण ने उससे झूठ क्यों बोला था। कि वह सेम स्कूल में पढ़ता है, बस सेक्शन अलग है !!और अगर वो सेमस्कूल में पढ़ता ही नहीं था । तो उसे कैसे पता चला,कि कृषि कुछ समय से अपनी स्टडी पर फोकस नहीं कर पा रह थी । यही सोचते हुए , घर के अंदर जाने से पहले । कृषि को याद आ गया, कि तरुण ने उसे बताया था। कि वोउसके क्लास टीचर, अंकित सर के कजिन का बेटा है।और फिर से वापस भागते भागते हुए वो स्कूल पहुंची। और तुरंत अपने क्लास टीचर अंकित सर के पास गई ।

अंकित सर घर के लिए निकलने ही वाले थे। लेकिन कृषि को देख कर रुक गए ,और उस से पूछने लगे । कृषि आज तुम्हारा एग्जाम था ना....?

एग्जाम सेंटर से वापस आ गई ....? :कैसा गया तुम्हारा एग्जाम आज बेटा....?ऋषि ने जवाब दिया, सर एग्जाम तो बहुत अच्छा गया । लेकिन मुझे तरुण नहीं मिला !! तरुण ने मेरी हेल्प की थी, पढ़ाई करने में । मुझे उसे थैंक यू बोलना है।अंकित सर ने मुस्कुराते हुए कहा,, मिल जाएगा बेटा!! जरूर मिल जाएगा! तुम टेंशन मत लो। वैसे ये तरुण है कौन....?कृषि ने चौक ते हुए जवाब दिया , सर आप आपके कजिन का बेटा, आप भूल गए.....?

अंकित सर ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, अच्छा बेटा टीचर से मजाक ...? नाइस बेटा !!!! वेरी नाइस!कह कर आगे बढ़ने लगे । कृषि नेकहा , मैं मजाक नहीं कर रही हूं सर ।

1 महीने से वो मुझे पढ़ा रहा है । उसने एग्जाम की सारी प्रिपरेशन करवाई है मुझे । और उसी ने मुझे वे बोला,कि वो आपके कजिन का बेटा है।अंकित सर ने ,मुस्कुराते हुए कहा । अगर ऐसी बात है कि,उसने तुम्हें एग्जाम की प्रिपरेशन करवाई है। तो ठीक है , लेकिन मेरा कोई कजिन का बेटा, यहां नहीं है। और किसी का नाम भी तरुण नहीं है। येबात उस नेमजाक में बोल दी होगी । अब तुम घर जाओ। आराम करो। एग्जाम खत्म हो गए हैं, दोस्तों के साथ मौज मस्ती करो ।और रिजल्ट आने का वेट करो । अपनी छुट्टियां अच्छे से मनाओ बेटा!!

गुड आफ्टरनून बेटा । बाय.....!!!!

कृषि ने भी सर को गुड आफ्टरनून कहा और अचंभित चेहरे को लेकर वहां से चली गई।

कृषि घर आकर भी उसी सोच में पड़ी थी। कि आखिर वो लड़का था कौन । और ऐसा क्यों किया उसने, दिन बीत ते चले गए । और ऑनलाइन ट्वेल्थ के रिजल्ट निकल गए। कृषि ने अपने पापा के लैपटॉप में , ट्वेल्थ क्लास के ऑनलाइन रिजल्ट का पोर्टल खोला।और अपना रिजल्ट चेक किया। कृषि पूरे स्कूल में फर्स्ट पोजीशन पर आई थी। कृषिबहुत खुश हो गई । और उसने ये सोचा, कि वोतुरंत लैपटॉप बंद करके। अपने फर्स्ट पोजीशन पर आने की बात सब को बताएगी । वो लैपटॉप बंद करने ही वाली थी। कि रिजल्ट पोर्टल करते वक्त , उसने कुछ ऐसा देखा। कि उसके होश उड़ गए!

रिजल्ट का पोर्टल एग्जिट करते वक्त,उसने पूरी दिल्ली में ट्वेथ टॉप किए हुए , स्टूडेंट की फोटो देखी। और उनमें से एक और सबसे ऊपर थी ,,तरुण क फोटो !!! कृषि पहले तो चौक कर उस फोटो को बहुत देर तक देखती रही । और फिर उसके बाद , उसने फोटो के नीचे तरुण का नाम और बारहवीं वर्ष पास देखा । 12वीं पास वर्ष देखा फोटो के नीचे, नाम तो तरुण ही था । मगर वर्ष 2 साल पहले का डाला हुआ था। कृषि को समझ नहीं आ रहा था। कि ऐसा क्यों हो रहा है। जब तरुण ट्वेल्थ पास है,तो वो मेरे सामने मेरे स्कूल की ड्रेस पहन कर ,क्यों आया।। और उसने ये क्यों बताया , कि वोसेमस्कूल में है ,बस सेक्शन अलग है।।




फिर उसने नीचे तरुण के स्कूल का नाम देखा ,और कृषि ने तरुण के स्कूल में जाकर।तरुण के घर का पता मालूम किया। उस पते पर जब , कृषि जाकर दरवाजा खटखटाने लगी । तो कुछ देर बाद अंदर से एक अंकल दरवाजा दरवाजा खोलने के लिए आए । और कृषि से बिना कुछ पूछे, उसको घर के अंदर आकर बैठने को कहा । कृषि घबराते हुए घर के अंदर बैठ गई । कृषि तरुण के बारे में पूछने लगी । उस अंकल से , कि वो कहां है । तभी अंदर एक कमरे से आवाज आई ,, मुझे पता था कि तुम जरूर आओगी कृषि।तभीधीमी से बंद कमरे का दरवाजा , अपने आप खुलने लगा । जहां बैठी थी , वहां से कमरे के अंदर का नजारा साफ दिखाई देने लग गया।कमरे के अंदर,का बेडसामने ही दिखाई दे रहा था । और अलमारी भी , और दीवार पर पेंटिंग और पेपर्स लगे हुए थे।साथ ही कुछ फोटोस थी।




कृषि उठकर , कमरे की ओर कदम बढ़ाने लगी । उसे अचानक से, अजीब सा डर लगने लगा। और कमरे के अंदर तरुण भी दिखाई नहीं दे रहा था । तभी पीछे से,एक जोर की आवाज आई । रुको बेटा!!रुको ! मत जाओ वहां! कृषि नेडरकर पीछे मुड़कर देखा।तो वो आवाज अंकल की थी।अंकल ने कृषि से कहा ,बेटा तुम चाय पी लो।तुम्हारे लिए चाय बनाई है।पहली बार हमारे घर आई हो ।

; कृषिने मुस्कुराते हुए कहा, अंकल इसकी क्या जरूरत थी । तभी अंकल ने कहा तुम पियो बेटा । मैं तरुण को बुलाकर लाता हु । उसको पता लग गया है , कि मैं आई हूं। अभी तो उसने ,आवाज दीमुझे । और मेरा नाम भी लिया था। कृषि ने कहा,, अंकल ने मुस्कुराते हुए कहा । तुम चाय पियो , मैं अभी आता हूं ।चाय पीते ही,कृषि पूरे घर का नजारा देखने लगी । घर में काफी सारे,मकड़ी के जाले थे।और अंदर का दरवाजा काफी ज्यादा गंदा था।जैसे सालों से साफ नहीं किया हो । कृषि बैठे बैठे ही सो गई। और जब आंख खुली ,तो काफी ज्यादा अंधेरा था।और बहुत जोर से किसी की आवाजऐ आ रही थी। जैसे कई सारे बच्चे एक ही लाइन में पोयम गा रहे हो ,लाइक ट्विंकल ट्विंकल लिटिल स्टार और भी कुछ।

कृषि का सिर दुख रहा था।कृषि जोर जोर से चिल्लाने लगी।अंकल तरुण कहां हैं आप लोग...?मुझे दिखाई क्यों नहीं दे रहे...??यहां बहुत अंधेरा है.....!प्लीज..... मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा....!!!मुझे यहां बहुतशोर सुनाई दे रहा है।आप प्लीज बचाओ मुझे.....! !हेल्प मी........ हेल्प मी ......?.....अंकलप्लीज , तरुण कहां हैं।आप लोग मुझे बताइए,मुझे बहुत डर लग रहा है।मुझे घर जाना है।प्लीज मुझेयहां से निकालिए....!!हेल्प मी....!हेल्प मी ......! कुछ देर बाद कृषि के पीछे से एक आवाज आई.....।।

कृषि तुम रो क्यों रही हो....?कुछ नहीं होगा तुम्हें ....!! मैं हूं ना यहां पर ,मुझे पहचाना....?मैं तुम्हारा दोस्त तरुणहूं।कृषिने तुरंत जवाब दिया । तरुण कहां हो तुम....?प्लीज मुझे यहां से निकालो ....! तरुण मुझे कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा।प्लीज हेल्प मी....!मुझे यहां से निकालो । यह तुम्हारा घर है ना ....? लाइट जला दो प्लीज....!!!

बहुत अंधेरा है यह । मुझे बहुत डर लग रहा हैअंधेरे में....!तरुण ने पीछे से , कृषि को कहा ....! कहां है अंधेरा कृषि ......?"" देखो आते ही तुम सो गई ,और अब जागी हो तो बता रही हो कि यहां अंधेरा है।सब कुछ साफ साफ दिखाई दे रहा है । गौर से देखो कृषि। नहीं तरुण देखो यहां कितना अंधेरा है, प्लीज लाइट ऑन करदो ।कमरे में वाकई उजाला नहीं था।मगर तरुण था कि, अपनी बात पर ही अड़ा हुआ था । तरुण ने चिल्लाते हुएकहा,,स्टॉप दिस नॉनसेंस कृषि........!अच्छा ये बताओ , तुम्हारा रिजल्ट कैसा आया।तभी कृषिं ने चौकते हुए कहा,कैसी बात कर रहे हो तुम तरुण....?यह मुझे कुछ दिखाई नहीं दे रहा यार , डर लग रहा है । और तुम हो कि मुझसे मेरा रिजल्ट पूछ रहे हो।

पीछे से तरुण ने चिल्लाकर कहा, मैंने पूछा तुम्हारा रिजल्ट कैसा आया। बहुत अच्छा रिजल्ट आया ,फर्स्ट पोजीशन आई है मेरी तरुण।थैंक यूं तरुण । तुम्हारी वजह से इतना अच्छा रिजल्ट आया है ।तुमने मेरी बहुत मदद की थी। कृषि ने डरते हुए कहा । तभी तरुण नेपीछे से ,कृषि की पीठ थपथपाई ,और कहा .....शाबाश ऐसे ही अपना और अपने घरवालों का नाम रोशन करो . । और अचानक से लाइट जल गई, कृषि के सामने एक डाइनिंग टेबल था।जिसके ऊपर बहुत सारे फल ,पकवान और पूरी अच्छे से सजा कर रखी हुई थी । यह सब देखकर कृषि काफ़ी खुशगई । और पीछे मुड़कर जब उसने तरूण को देखना चाहा ,तो तरुण वहां नहीं था।अचानक से आगे से अंकल आए, हाथों में बहुत सारा खाने का सामान लेकर । और उन्होंने कहा , मैं किचन में चला गया था ।तुम्हारे लिए खाना बनाने, तरुण ने आज बताया कि तुम् आने वाली हो, तो ये सब एक साल बाद बन रहा है । पिछले साल तरुण का एक दोस्त आया था।फर्स्ट पोजीशन ला कर , उसने अपने मम्मी पापा के नाम का नाम रोशन किया था । वैसे तरुण ने बताया कि, तुम भी ट्वेल्थ क्लास के एग्जाम दे चुकी हो। आज तो रिजल्ट का दिन है।तुम्हारा रिजल्ट कैसा है बेटा.....?  " " 

" " कृषि ने जवाब दिया, बहुत अच्छा अंकल । मैं भी इस बार फर्स्ट पोजीशन लाई हूं । तरुण ने मेरी एग्जाम में काफी हेल्प की थी ।आज मैं इसी वजह से , उसे थैंक्स बोलने आई हूं।फटाफट से हाथ धो लो ,और बैठ कर खाना खाओ,  देखो कितना अच्छा बनाया है, मैंने तुम्हारे लिए । तरुण ने मुझे बताया था, कि तुम आने वाली हो । और तुम्हारे लिए अच्छा खाना बनाने को बोला था । अब देखो कितना सारा खाना बना है, सब तुम्हें ही खाना है । तभी कृषि अंकल से कहने लगी ,अंकल तरुण को आप खाना खाने के लिए क्यों नहीं बुला लेते , मुझे तो बहुत अच्छा लगेगआ। " " 

" " अंकल ने मुस्कुराते हुए कहा , ठीक है तुम बैठो मैं उसे बुला कर लाता हू । अंकलचौकते हुए , कुछ सोचने लगे।और फिर कमरे की ओर कदम बढ़ाने लगे । अंदर जाने केकुछ मिनट के बाद । अंकल बाहर आए , और कृषि से कहा।वोआ रहा है , तुम खाना शुरू करो । कृषि नेओके,, बोल कर एक एप्पल उठाया । और प्लेट में उसे काटने के लिए, रखा और काटने लगी । पीछे से आवाज आई, अरे कृषि एक और उसके हाथ से गिर गई कृषि आवाज सुनकर थोड़ा डर गई थी




" ":एक सेकेंड के लिए , कृषि  ने अपने हाथों से अपना मुंह बंद करते हुए, नीचे देखा । वो दोबारा कमरे की तरफ देखने लगी । सामने उसने तरुण को पाया,  तरुण ने कहा ...!! कोई बात नहीं कृषि , हमारे घर में बहुत लेट है।  सामने से अंकल आए,  और उन्होंने प्लेट के टुकड़े उठाना शुरू कर दिए।  कृषि ने  घबराते हुए कहा।  तरुण तुम...?  तरुण ने कहा ....हां मैं ।। तुम सिर्फ एक ही एप्पल  क्यों खा रही हो ...? " " इतना सारा टेस्टी खाना बनवाया है पापा से तुम्हारे लिए।  वो  टेस्ट करो । मेरे पापा बहुत अच्छा खाना बनाते हैं।  मेरे पापा एक अच्छे से शेफ रह चुके हैं। कृषि ने भी ओके ...कर खाना खाना शुरु कर दिया । खाना खाते-खाते कृषि ने आखिरकार तरुण से पूछ ही लिया..!!! तरुण  तुम्हें कैसे पता था , कि मैं आने वाली हूं...?  और एग्जाम में जो क्वेश्चन आने वाले थे,  उसके नोट्स तुमने बनाकर मुझे दे दिए । तुम्हें पहले से ही पता था,   कि एग्जाम में क्या आने वाला है...? " " 

" " तरुण ने कृषि की ओर बड़ी बड़ी आंखें करके देखा।  और कहा ...! तुम खाना खाते हुए बहुत अच्छी लगती हो,  खाना खा कर दिखाओ ना।  कृषि डर गई , और बिना कुछ बोले खाना खत्म करके उसने अंकल से पूछा । क्या मैं आपके साथ एक फोटो ले सकती हूं । मुझे बहुत अच्छा लगेगा।  आज का दिन मेरे लिए बहुत यादगार रहेगा।  तरुण ने तो मना कर दिया!  कहां... नहीं ऐसा नहीं हो सकता! " " 

" " लेकिन अंकल ने मुस्कुराते हुए कहा,  कोई बात नहीं बेटा।  तुम फोटो ले लो हमारे साथ । कृषि ने अपने पर्स से अपना फोन निकाला , और फटाफट से तीन-चार फोटोस ले ली।  और फिर कृषई ने अंकल और तरुण से कहा ... अब मुझे जाना चाहिए ! बहुत देर हो चुकी है।  मेरे मम्मी पापा परेशान हो रहे होंगे।  आपके साथ बिताए हुए पल मुझे बहुत अच्छे लगे ...!  इतने सारे टेस्टी टेस्टी खाने के लिए आप लोगों का बहुत-बहुत शुक्रिया । कृषि ने तरुण को एक बार फिर से थैंक यू बोला,  तरुण ने कृषि का हाथ पकड़ लिया।  और कृषि के हाथ से कृषि क हाथ से फोन लेकर ।नीचे डाइनिंग टेबल पर रख दिया।  और अचानक से उसके हाथ को चूमने लगा । कृषि  की आंखों में आंखें डाल कर,कृषि से कहा  तुम्हें जब भी मेरी जरूरत हो । तो मुझे बस याद कर लेना।  मैं तुम्हारी हेल्प करने के लिए हमेशा तैयार रहूंगा।  कृषि का हाथ अभी तरुण के हाथों में था,  कृषि ने आराम से अपना हाथ पर उनके हाथ से निकाला । और अपने अपना पर्स उठा लिया।  और अंकल और तरुण को बाय बोल कर कहने लगी।  अब मुझे निकालना चाहिए , मम्मी पापा मेरी राह देख रहे होंगे । फिर कृषि ने तरुण की तरफ देखा और कहा...!  तरुण क्या तुम मुझे घर छोड़ दोगे। " " 

" " तरुण की आंखें बड़ी हो गई,  और उसने कृषि की तरफ देखा।  फिर आंखें नीचे करके दोबारा तरुण ने कृषि को देखा और कहा।  कृषि में अभी..... मैं अभी सोने जा रहा हूं।  मेरी कुछ तबीयत सही नहीं है । कृषि ने ओके कहकर कदम आगे बढ़ा लिया, और घर के लिए निकल गई।  घर पहुंचते ही दरवाजे पर कृषि की मां उसे देखकर जोर-जोर से फटकार लगाने लगी।  और कहने लगी,  क्यूरी इतनी देर तक कहां थी..? 

" "  तेरे पापा ने हर जगह ढूंढा तुझे , तू कहीं नहीं थी।

" " पीछे से कृषि के पापा की आवाज आई , और  बोले अरे।  क्यों डांट रही हो भाग्यवान ..?  आज बिटिया हमारी अव्वल दर्जे से पास हुई है । गई होगी दोस्तों के साथ खुशियां मनाने । आज के दिन तो बख्श दो इसको...!  इतना कहकर कृषि  पापा अपने कमरे में चले गए ।  कृषि की मां ने कहा...  चल खाना निकाल दूं।  कृषि ने कहा..   नहीं रहने दो मां मैं खा कर आई हूं दोस्त के घर से।" " 

" "  कृषि की मां ने कहा , चल तू अपने कमरे में चली जा।  और आराम कर , कमरे में जाकर कृषि को  याद आया , कि जब तरुण उसके हाथ को छू रहा था। " " 

" " तभी कृषि का फोन डाइनिंग टेबल पर रह गया था।  और कृषि अपना पर्स तो ले आई।  लेकिन अपना फोन वही भूल गई।  फिर कृषि ने सोचा , कल सुबह जाकर अपना फोन ले आएगी । और सो गई ...! अगली सुबह तैयार होकर वो फिर से उसी जगह गई। 

" " जहां पिछले दिन,  तरुण से वो मिलने आई थी। " " 




" " वहा काम कर रहे , आसपास के लोगों उसे देखने लगे।  कृषि ने दरवाजा खटखटाया,  लेकिन किसी ने दरवाजा नहीं खोला।  पास में ही काम कर रहा ,एक किसान  कृषि के पास आया।  और उस से पूछने लगा।  ये दरवाजा काहे खटखटा रही हो बिटिया । कृषि  ने कहा, बाबा यहां तरुण और उसके पिताजी रहते हैं ना...? " "  कल रात में उनसे मिलने आई थी । उनके पास मेरा फोन छट गया है । वहीं वापस लेने आई हूं...!  कोई दिखाई नहीं दे रहा यहां।  लोग कहीं गए हैं क्या…..? " " 

" " किसान आदमी, इतना सुनकर चौक गया । " " 

" "  और कहने लगा,  कौन बिटिया ...? यहां तो कोई नहीं रहता । अरे जो तुम नाम बता रही हो,  तरुण और उसके पिता । बिटिया दोनों 2 साल पहले ही मर चुके हैं  । बड़े भले लोग थे । कमरे में बहुत ज्यादा बदबू आ रही थी जब उनकी मौत हुई थी 1 हफ्ते बाद पता चला कि दोनों अब इस दुनिया में नहीं रहे तब तक घर घर कब से बंद पड़ा है पिछले साल में एक लड़का आया था उसने भी यही कहा था कि मैं उन दोनों से मिला हूं लेकिन तुम ही बताओ बिटिया मरे हुए इंसान से भला कोई कैसे मिल सकता है यह संभव है क्या बिटिया नहीं ना तुम घर जाओ और आराम करो इतना कहकर किसान वहां से चला गया कृषि इस बात को सुनकर हैरान थी कृषि वहां से चली गई और घर जाकर अपने घर के मंदिर में तरुण के पिता और तरुण के लिए उनकी आत्मा की शांति की प्रार्थना करने लगी लेकिन क्या अगले साल भी ऐसा ही किसी 12वीं के स्टूडेंट के साथ होगा या इसी बीच कुछ ऐसा होगा जो किसी ने भी कभी नहीं सोचा कृषि और तरुण का सफर बस यहीं तक था या आगे भी इनके बीच कुछ बाकी था जानने के लिए पढ़ते रहिए पूरी कहानी थैंक्स फॉर वाचिंग माय नोवल
























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तू है के नहीं
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"" यह कहानी है एक 18 साल की लड़की कृषि की। जो कि एक मिडिल क्लास फैमिली से बिलॉन्ग करती थी, और अपने मम्मी पापा और तीन छोटे भाई बहनों के साथ दिल्ली में रहती थी। ""  ""कृषि के मम्मी पापा अक्सर एक-दूसरे से पैसों की तंगी को लेकर लड़ाई झगड़ा करते थे।  कृषि के घर के बाकी बच्चे भी इन झगड़ों को लेकर अक्सर टेंशन में रहा करते थे।  कृषि ने क्लास ट्वेल्थ में इंटर किया, और काफी टेंशन के बाद भी उसने पढ़ाई से मन नहीं हटाया।।"" ""स्कूल से आ कर खाना खाने के बाद वह घर से थोड़ी दूरी पर एक बरगद के पेड़ के नीचे कम से कम 2 घंटा बैठकर पढ़ाई किया करती थी। "" मिड टर्म एग्जाम खत्म होने के बाद। फाइनल एग्जाम की तैयारी में बिजी कृषि कुछ समय से अपनी पढ़ाई पर फोकस नहीं कर पा रही थी।। ""  ""उसकी मम्मी की तबीयत खराब होने की वजह से कृषि अपने पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे पा रही थी, वह मम्मी के जगह पर घर के बाकी सारे काम करती थी।  और उनकी सेवा करती थी। लगभग डेढ़ महीने तक कृषि कोई तैयारी नहीं कर पाई कृषि के पास अब सिर्फ एक महीना बचा था,  फाइनल एग्जाम क्लियर न कर पाने की टेंशन  को लेकर कृषि रोने लग गई।  "और बरगद के पेड़ के नीचे कुछ किताबें लेकर बैठ गई वह पढ़ना तो चाह रही थी लेकिन पढ़ने में उसका मन नहीं लग पा रहा था"  यह सोच कर कि बाकी की पढ़ाई इतनी जल्दी कैसे हो पाएगी। ""  ""तभी उसके पास एक लड़का आया जो उसी के स्कूल की जैसी यूनिफॉर्म पहने हुए था। "और हाथ में कुछ किताबे लिए हुए था उसने अपना हाथ कृषि की तरफ बढ़ाया और हाय बोला।" " कृषि ने उस लड़के को देखते  हुए पूछा,  आप कौन? " " "लड़के ने मुस्कुराते हुए कहा मेरा नाम तरुण है मैं तुम्हारे क्लास टीचर अंकित सर के कजिन का बेटा हूं।  मुझे पता चला सर से कि तुम पढ़ाई में बहुत अच्छी हो।  ट्यूशन भी नहीं लेती हो,  फिर भी हमेशा अच्छे मार्क्स आते हैं तुम्हारे पिछले कुछ दिनों से तुम्हारी स्टडी कुछ डिस्टर्ब हो रही है।" ""सो आई कैन हेल्प यू मिस....... कृषि...............  "" कृषि ने हिचकीचाते हुए पूछा मगर आप मेरी कैसे याद कर सकते हो" ""तरुण ने कृषि से कहा मैं ट्वेल्थ क्लास में हूं हमारे सेल्स्ट्रीम है बस सेक्शन अलग है यार, बिलीव मी मैं तुम्हारी हेल्प कर सकता हूं। ""  आखिर कौन है तरुण जो अचानक से कृषि के सामने आया है?? पढिए पूरी कहानी, रोमांस और सस्पेंस से.

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