जिन्दगी क्या है , कभी धूप तो कभी छांव कभी दौड़ती सी लगे तो कभी लगे ठहराव कभी दुखों की गठरी, कभी सुखों का समन्दर एक ही नियम है , जो जीता वही है सिकन्दर गमों के पहाड़ हैं, ढेरों
जय श्रीकृष्ण। मित्रगण। आप और हम पर कृष्ण कृपा बरसती रहे।दोस्तो पुनर्जन्म की धारणा पर विभिन्न लोग विभिन्न मत रखते आए है।हमारी सनातन परंपरा व धर्म के अनुसार पुन
तप क्या है यह एक सामान्य सा प्रश्न है और जब हम इसके अर्थ को जानने का प्रयास करते है तो मन मे धारणा बनती है कि,कोई साधू या सन्यासी कोई स्थान विशेष पर बैठ
जय श्रीकृष्ण। साथियो ,मुझे खुशी के साथ साथ अपार हर्ष व प्यार का एहसास हो रहा है कि आप को मेरे विवेचनात्मक विचार। कृष्ण कृपा से भा रहे है।आदरणीय गण, यह सब कृष्ण कृपा है व उनका आशीर्वाद है,वो
हमारी सनातन परंपरा उत्कृष्ट परम्परा रही है।उसमे अथाह ज्ञान व जानकरी का समावेश रहा है ।पर वो नीरस न लगे सो इसे संकेत या कहानियो से समझाया गया।अब बौध्दिक विकास
महामृत्युंजय मंत्र पौराणिक महात्म्य एवं विधि〰〰🌼〰〰🌼〰〰🌼〰〰🌼〰〰महामृत्युंजय मंत्र के जप व उपासना कई तरीके से होती है। काम्य उपासना के रूप में भी इस मंत्र का जप किया जाता है। जप के लिए अलग-अलग मंत्रों क
जय श्रीकृष्ण मित्रगण। जय श्रीकृष्ण। आप सबको यह जान कर हैरत होगी कि आप जो स्वय को लेकर भ्रमित है कि आप की जाति फलानी या फलानी है तो यह भ्रम शायद आपका "ब्राह्मण कौन" प
अहम ब्रह्मा अस्मि।क्या इस उक्ति का कुछ लेना देना है ब्राह्मण से ?मेरे मतानुसार हाॅ।बिल्कुल, शतप्रतिशत। क्योकि जो शुद्र से ब्राह्मण हो जाए वो ब्रह्मा।&nbs
जय श्रीकृष्ण गीता को जानने से पूर्व चलिए कुछ terms या शब्द जान ले जो सामान्यतः हम इस ग्रंथ मे पढेगे।व उनके अर्थ को सही से समझ सके यह आवश्यक है हम उन्हे वैसे ही जाने जैसे म
जयश्रीकृष्ण पाठकगण सुधिजन व मित्रगण। आप सब को ह्रदय से नमन।आज मै आपके बीच अपनी एक और पुस्तक लेकर उपस्थित हू श्री गणेश जी व माता श्री सरस्वती देवी से अनुकम्पा पाते हुए श्रीकृ