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कड़ी तपस्या

1 नवम्बर 2022

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anju

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आज के समय में एक घर को संभालना ही सबसे बड़ी तपस्या हैं। घर तो सभी के होते हैं। अगर उसमें प्यार एकता और अपनापन ना हो तो वो घर नहीं होता है और ना ही एक परिवार कहलाया जाता है। उसे क्या नाम से जाना चाहिए वो में नहीं जानती। बस वो एक घर नहीं कहाँ जा सकता। ये परिवार को एक घर और परिवार को लेकर एक साथ घर की आने वाली पीढ़ी करती है। पर आज की पिढ़ी घर को सभालने की जगह बेखती जा रही हैं। अपनी जिम्मेदारी से भाग रही हैं। उन्हें तो बस उचाई को छूना है। घर में कुछ भी हो कोई फर्क नहीं पड़ता। शायद ही दुबारा वो सब लोटे। अब घर, घर नहीं चुनौती का सबसे बड़ा अभिशाप लगने लगा है। एसी सस्कृति और संस्कार पर धिकार हैं।

1 नवम्बर 2022

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कड़ी तपस्या
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. कड़ी तपस्या कड़ी तपस्या वो नहीं जो साधु महात्मा लोग करते हैं। कड़ी तपस्या करना बहुत ही मुश्किल है। कड़ी तपस्या में घर और परिवार को जो एक साथ लेकर चला सच है कि उसकी तपस्या पूरी हुई। मां और पापा जी के देखे सपने तो कड़ी तपस्या भाई बहन का प्यार और भरोसा तो कड़ी तपस्या बड़ों का आशीर्वाद दोस्तों का प्यारा अपनों का साथ हर एक दिल में जगह हर किसी के दिल में दुआ कभी गलती से भी किसी का बुरा हो जाए तो उसका पश्चाताप ही कड़ी तपस्या है। भूलकर भी किसी के लिए गलत बोलना और सोचना। हर पल अपने जीवन में खुद खुश रहने की कड़ी तपस्या है सोच सबकी अलग होते हुए भी एक साथ रहना सबसे बड़ी तपस्या है अपने आप में। ना चाहते हुए भी किसी की उम्मीद पर खड़ा होना हर किसी को मुकम्मल खुशी देना वो कड़ी तपस्या है।

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