6 अक्टूबर 2024
मन को झकझोरती और सोचने को मजबूर करती एक कहानी जो समाज के कुरूप चेहरे पर एक जोर का तमाचा है। Victim Blaming&Victim Shaming का कड़े शब्दों में विरोध। कहानी का सर्वाधिकार सुरक्षित©®रामरक्षित आदि वर्तिका