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"रूपमाला/मदन

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"रूपमाला/मदन छंद"आप बचपन में कहाँ थे आज है क्या हालदेख जाओ गाँव आकर खो गए हैं ताल।हर नहर सूखी मिलेगी बाग वन आधारपेड़ जामुन का खड़ा है बैठ कौआ हार।।-१हो सके तो देख लेना बंद सारे द्वारझाँकती मानों चुड़ैली डर गई दीवार।खो गई गुच्छे की चाभी झुक गए है लोगनेवला मुड़ मुड़ के देखे कर र

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