छन्द- वाचिक विमोहा (मापनीयुक्त मात्रिक) मापनी - २१२ २१२"विमोहा छंद मुक्तक"दृश्य में सार हैआप बीमार हैं पूछता कौन क्या कान बेकार है॥-१ आँख बोले नहीं मौन देखे नहीं पाँव जाए कहाँ सार सूझे नहीं॥-२ वेदना साथ है. आयना सार है। दाग दागी नहीं- देखती आँख है॥-३ देख ये बाढ़ है। चेत आष