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अनचाही बेटी

24 नवम्बर 2022

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प्रज्ञा के माँ बाप को लड़के की ख्वाहिश थी लेकिन क़िस्मत का लिखा तो मिटा पाना किसी के बस की बात नहीं है ना, इसलिए प्रज्ञा के माता पिता अक्सर उसे उपेक्षित नजरों से देखते थे, आखिर प्रज्ञा उनकी अनचाही बेटी जो थी। वक़्त ने समय के पहले ही प्रज्ञा के माँ बाप को उससे अलग कर दिया था इसलिए प्रज्ञा कैसे इतनी बड़ी दुनियां में ख़ुद को जिंदा रख पाएगी इसी जद्दोजहद में प्रज्ञा के दिल और दिमाग मे उलझन बनी रहती थी। प्रज्ञा की जिंदगी में जब जीने का कोई सहारा नहीं बचा तो वो अपनी जिंदगी वजह ढूंढ़ने के साथ उस जिंदगी का गुजर बसर कैसे हो उसकी फिक्र में लगी रहती थी, कहीं ना कहीं काम तलाशने के लिए घर से बाहर निकलने को उसके कदम आतुर रहते थे। एक दिन यूहीं जब प्रज्ञा इस तरह की भागदौड़ से थक हार कर लौट रही थी, वो थकान और कमजोरी की वजह से खुद को संभालने में असमर्थ थी। चलते चलते अचानक उसके कदम लड़खड़ा उठे, अब प्रज्ञा के कमजोर शरीर का बोझ भी उन कदमो से नहीं उठ रहा था। अचेतावस्था में प्रज्ञा सड़क के किनारे जा गिरी और उसकी सांसे भी शायद खत्म हो गईं थीं इसलिए प्रज्ञा इस बंधन से मुक्त होकर स्वच्छंद विचरण करने लगी।
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रचनाएँ
विविध रंग
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प्रस्तुत पुस्तक में लेखक की गद्य रचनाओं को प्रकाशित किया गया है। सभी रचनाओं पर लेखक का कॉपी राइट है।
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रिश्तों की कश्मकश

24 नवम्बर 2022
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हर इंसान अपने पूर्व जन्म के बचे हुए कर्मों को पूरा करने के लिए जन्म लेता है। इसके साथ ही फिर वो पूर्व जन्मों के रिश्तों को भी निभाने आता है। ये बात और है कि कभी कभी समाज के लोग उसके पूर्व जन्म के रिश्

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आंसुओं की बारिश

24 नवम्बर 2022
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अनुएक लड़की थी जिसका नाम अनु था वो अपने घर में बच्चों में बड़ी ही थी लेकिन इतनी उम्र भी नहीं हुई थी कि जिंदगी का हर फैसला कर सके। उसके पापा प्राइवेट कम्पनी में नौकरी करते थे। मम्मी घर का काम करती थी। यू

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अनचाही बेटी

24 नवम्बर 2022
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अनोखी चाहत

24 नवम्बर 2022
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वो शाम एक अजीब सा एहसास लेकर आई थी जब अंकित प्यार में धोखा पाकर इतना टूट गया कि उसे जीने से नफ़रत होने लगी। एक वीरान खंडहर में बैठे बैठे उसका दर्द भरा अतीत उसकी आँखों से आँसू बनकर बह रहा था। कब दोपहर स

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स्वदेश में नही रहना

24 नवम्बर 2022
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वैसे तो ब्रजेश अमेरिका में सॉफ्टवेयर इंजीनियर है, और उसे अपने देश आने का मन तो करता है लेकिन सिर्फ घूमने के लिए और अपने रिश्तेदारों से मिलने के लिए।उसके पास भी उसका अपना परिवार भी तो है , उसकी जिम्मेद

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समय की चाल

24 नवम्बर 2022
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अंग्रेजी हुकूमत के समय भारत देश में एक रियासत के राजा थे। बहुत धन समृद्धि थी उनके परिवार में। काफी समय बाद उनके घर में एक लड़का हुआ जिसका नाम उन्होंने राम सिंह रखा। जब उनका लड़का 5 साल का हो गया

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कद्दू की दीवानी

24 नवम्बर 2022
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यूँहीं शाम को पार्क में बैठे - बैठे कृष्णा ने पूजा से पूछ ही लिया कि आख़िर क्या वजह है जो हफ़्ते में 5 दिन सिर्फ़ कद्दू की ही सब्जी बनाती हो। लोगों की तरह तरह की दीवानगी देखी लेकिन कद्दू की दीवानी तो सिर

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