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कद्दू की दीवानी

24 नवम्बर 2022

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यूँहीं शाम को पार्क में बैठे - बैठे कृष्णा ने पूजा से पूछ ही लिया कि आख़िर क्या वजह है जो हफ़्ते में 5 दिन सिर्फ़ कद्दू की ही सब्जी बनाती हो। लोगों की तरह तरह की दीवानगी देखी लेकिन कद्दू की दीवानी तो सिर्फ तुम हो। शायद ऐसा इसलिए भी होगा कि गॉव घर में सब्जी के नाम  पर कद्दू ही लगा रखा होगा और आसमान छूते सब्जी के भाव की वजह से कद्दू की शरण में चली जाती होगी।  वही तुम्हारे घर परिवार का पालन पोषण जो करते हैं तुम्हारे कद्दू महराज। कृष्णा ने मजाक करते हुए पूजा से कहा।
इस बात पर पूजा हँसने लगी। इस पर कृष्णा ने फिर कहा कि काफी दिनों से जानना चाहता था कि आख़िर तुम कब से कद्दू की दीवानी बनी। ये सवाल भी मन मे चलना लाज़मी था, आख़िर जब भी पूछता था कि आज सब्जी कौन सी बना रही हो, तुम्हारा एक ही जवाब मिलता कद्दू बना रही हूँ। आज जब बर्दाश्त करने की सीमा खत्म होने लगी तो तुमसे पूछ बैठा, तुम्हारे और कद्दू महराज के सम्बंध को लेकर। इतना सुनते ही पूजा अपनी हँसी को रोक नहीं पाई और दोनों पार्क से रेस्टोरेंट चले गए, और उस दिन से पूजा ने कद्दू महराज का पल्लू पकड़ना छोड़ ही दिया।
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रचनाएँ
विविध रंग
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प्रस्तुत पुस्तक में लेखक की गद्य रचनाओं को प्रकाशित किया गया है। सभी रचनाओं पर लेखक का कॉपी राइट है।
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