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अनुभव

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टूटे हुए धागे का जुड़ावा, फटे हुए कपड़े की सिवन, टूटे हुए रिश्तों का मिलन, उतना मजबूत नहीं होता... जितना की टूटा हुआ मनुष्य मजबूती से उठता है।  {102} वाणी में सत्य, हृदय में प्रेम, आंखों में क

"सत्य कथन के लिए लज्जा की आवश्यकता नहीं है।"  {91}  "सुधार एक दिन में नहीं होता... इसके लिए सतत प्रयत्न की आवश्यकता होती है।"   {92} "समय व्यक्ति का बुरा होता है समूह का नहीं।"   {93}

"गलतियां हमें सीखने का अवसर देती हैं... इसलिए गलती कीजिए आगे बढ़िए।"  {81}    "विचार जब छलकने लगते हैं... तब लेखन प्रस्फुटित होता है।"   {82}  "बात को पकड़ कर रखने वाले दूसरों की नहीं... स्वयं

"दुनिया की सबसे तेज गति दुआ की है.. जो हृदय से जुबान तक पहुंचने से  पहले ही ईश्वर तक पहुंच जाती है।"  {78}    "दिल पर लगी दीवारें...  क्षमा, प्रेम अपनत्व से  आसानी से गिराई जा सकती हैं।"   {79 }

"यह तो दुनिया की हकीकत है... जो आसानी से मिल गया।  उसका मूल्य नहीं समझते... और जो मिला नहीं... उसके पीछे भटकते नहीं थकते।"  {76}     " राधा और मीरा का तो जन्म ही दर्द सहने के लिए हुआ है... लेकि

 " जब तक अज्ञानी निर्धन था... तब तक लोग करीब थे।  ज्ञान पाया धन मिला लोग दूर होते गए।"  {73}     "चेहरा तो खुली किताब है...  जब जी चाहे पढ़ लो।"  {74}    "देर से उत्तर देने वाले सोच समझकर कदम उ

" चाहतों को कम करके देखिए...  जिंदगी बहुत हंसीन है।"  {67}    "बेनाम रिश्ते नाम कर जाते हैं.. नामधारी रिश्ते नाम के रह जाते हैं।"  {68}    "जब तुम्हारे किसी काम पर लोग हंसे.. तो समझो तुम सही रा

"किसी का दिल और दुआ दोनों ही बेशकीमती हैं... इन्हें खरीदना इतना आसान नहीं है... बहुत मशक्कत करनी पड़ती है।"   {62}    " दूसरों की छाया में खड़े रहकर हम अपनी परछाई खो देते हैं... अपनी परछाई के लिए

" एक ख्वाब भर का साथ होता है सबका यहां ... आंख खुलते ही छूट जाता है।"  {57}  " सर्प-दंश से बच जाते हैं लोग.. .नर-दंश से आजीवन तड़पते हैं लोग...।"   {58}  "साधना,आराधना,उपासना, विपासना सब इस धर

"मन का तार जब परम सत्ता से जुड़ जाता है... तब परम सौभाग्य होता है।"  {52}     "उड़ान के लिए पंख सबको मिले हैं... जो पंख खोलता है वही उड़ सकता है।"  {53}    "सुख भीतर की वस्तु है... पर हर कोई भी

"दूसरों के घर में झांकते हुए जीवन बिता दिया... जब झांका अपने घर में तो सहा न गया।"  {47}    " कलयुग में प्रेम की खेती सूखने लगी है... संबंधों की मिट्टी सूखी पड़ी है। हरेक को सिर्फ धन की पड़ी है।"

"मंदिर,मस्जिद,गिरजा,गुरुद्वारे बिखरे एक ही स्वर के तार। पाहिमाम् पाहिमाम् की हो रही सर्वत्र पुकार।" {37}  "जो समय पर साथ दे जाए... वही सच्चा मित्र,भाई और पड़ोसी है।" {38}

"दुःख का कारण कर्म का अभाव है।  सुख का कारण कर्म का प्रभाव है  और शांति का कारण स्वयं का स्वभाव"  {28}    "किसी की दौलत, शोहरत या तालीम उसे बड़ा नहीं बनाती...  आप की सच्चाई, विनम्रता और उदारता आप

"रिश्तों मैं कोई किसी से दूर होता नहीं है... उसे दूर फेंका जाता है...   फिर वह हवा के झोंकों से बहुत दूर निकल जाता है।"  {26}  " हर ग़लत रास्ते के जिम्मेदार हम स्वयं होते हैं...  कोई दूसरा नहीं

"एक विश्वास से भरी प्रार्थना अंधकार के  समस्त बंधनों को तोड़ने का सामर्थ्य रखती है।" {16}    "शब्द कितनी भी समझदारी से इस्तेमाल कीजिए... फिर भी सुनने वाला अपनी योग्यता और मन के विचारों के अनुसार

"अच्छे काम करते रहिए... चाहे लोग तारीफ करें या ना करें।  आधी से ज्यादा दुनिया सोती रहती है.. .तब भी सूरज निकलता है।  चीजों की कीमत मिलने से पहले होती है...  और इंसानों की कीमत खोने के बाद होती है

"न रुकी वक्त की गर्दिंश और न ज़माना बदला। पेड़ सूखा तो परिन्दो ने ठिकाना बदला।"  {10}    "दुःख का कारण कर्म का अभाव है।  सुख का कारण कर्म का प्रभाव है  और शांति का कारण स्वयं का स्वभाव है।"  {11}

"सकारात्मकता ऊंचाइयां छूती  है।"  {8} "मौन रहना एक साधना है  और सोच समझ कर बोलना एक कला है।"  {9}

" तिनका हुआ..तो क्या हुआ वजूद है मेरा भी। उड़ उड़ के हवा का रुख तो बताता हूं।"  {6} "न डरा ऐ वक़्त मुझे नाकाम होंगी तेरी कोशिशें। ज़िंदगी के मैदान में डटा हूँ मैं दुआओं का काफ़िला लेकर।"  {7}

"जीत उसी की होती है जो जिद पर अड़ जाता है। थपेड़ों से तूफानों के जम कर टकरा जाता है।" {3} "हर ग़लत रास्ते के जिम्मेदार हम स्वयं होते हैं... कोई दूसरा नहीं।"  {4} "क्या.. सही गलत वास्तव में हो

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