shabd-logo

अनुभव

hindi articles, stories and books related to Anubhav


featured image

बात कल की ही तो थी

अनुभव नही था

लोग साथ थे

आज अनुभव साथ है

लोग नही...

कोरोना ने सोचने पर मजबूर किया। सवालों, अनुभवों, स्वअनुभवों से मजबूत किया कि "अच्छा इंसान किसी के काम का नहीं होता लेकिन सच यह भी है कि घटिया सामान घर‌ को और इंसान जिंदगी को नर्क बना देता है। मतलब निकल जाने के बाद दूरी बना लेना भी सोशल डिस्टेंस है" इंसान की ट्रेनिंग चाहें प्रशासनिक हों या विभागीय हों

पता नहीं ये जो कुछ भी हुआ, वो क्यों हुआ ?पता नहीं क्यों मैं ऐसा होने से नहीं रोक पाया ?मैं जानता था कि ये सब गलत है।लेकिन फिर भी मैं कुछ नहीं कर पाया।आखिर मैं इतना कमजोर क्यों पड़ गया ?मुझमें इतनी बेबसी कैसे आ गयी ?क्यों मेरे दिल ने मुझे लाचार बना दिया ?क्यों इतनी भावनाएं हैंइस दिल में ?क्यों मैंने अ

जीवन एक रास्ते जैसा लगता है मैं चलता जाता हूँ राहगीर की तरह मंजिल कहाँ है कुछ पता नहीं रास्ते में भटक भी जाता हूँ कभी-कभीहर मोड़ पर डर लगता है कि आगे क्या होगा रास्ता बहुत पथरीला है और मैं बहुत नाजुक दुर्घटनाओं से खुद को बचाते हुए घिसट रहा हूँ जैसे पर रास्ता है कि ख़त्म होने का नाम नहीं लेता कब तक और

यह कविता मेरी दूसरी पुस्तक " क़यामत की रात " से है . इसमें प्रेम औ रदाम्पत्य जीवन के उतार-चढ़ाव पर जीवनसाथी द्वारा साथ छोड़ देने पर उत्पन्न हुए दुःख का वर्णन है .तुमने ऐसा क्यों किया जीवन की इस फुलवारी में, इस उम्र की चारदीवारी में।आकर वसंत भी चले गये, पतझड़ भी आकर चले गय

featured image

थकावट आपके जीवन में हर चीज को प्रभावित कर सकती है। मैं खुद को काम करने में कम सक्षम पाता हूं, जब मैं ईमेल और संदेशों से घिरा रहता हूं, तो स्वस्थ आदतों के साथ कम, जंक फूड खाने की अधिक संभावना और खराब मूड में होने से अभिभूत होता हूं।थके होने का हम पर इतना बड़ा प्रभाव हो सकता है। और बहुत से लोग बहुत लम

पूरे दिन बरसकर मेघराज सांस लेने के लिए थम गए थे। अब कीड़े-मकोड़ो के लिए उत्सव का समय था। ढलता हुआ सूरज किसी खुशहाल किसान की तरह सीना फुलाए अपने घर की तरफ एक खूबसूरत गीत गुनगुनाता हुआ बढ़ रहा था। बादल रहने से अंधेरा ज्यादा जल्दी होता हुआ प्रतीत होता था। श्याम के 6 बजे थे। मगर मुझे घर जाने की कोई जल्दी न

मासूमियतका असली मतलबआप किसी भीबच्चे या जानवर कीनजरों से नजरेंमिलाकर पता करसकते हैं। शायदइसी सच्चाई से प्रेरितहोकर हमारे पूर्वजोंने इंसान काशरीर और जानवरोंकी गर्दनों को जोड़करभगवानों की कल्पनाकी थी। इसीके चलते हमेंये भगवान बड़े भातेहैं जैसे - गणेशजी। मगर इनकेवाहन मूषक राज कोभगवान की मोहरलगने के बादभी स

featured image

“मुझे पता चला कि जब मैंने अपने विचारों पर विश्वास किया था, तो मुझे पीड़ा हुई, लेकिन जब मैंने उन पर विश्वास नहीं किया, तो मुझे पीड़ा नहीं हुई, और यह कि यह हर इंसान के लिए सच है। स्वतंत्रता उतनी ही सरल है। मुझे अपने भीतर एक खुशी मिली जो कभी गायब नहीं हुई, एक पल के लिए भी नहीं। वह आनंद सभी में है, हमेश

featured image

"पूरी तरह से जीवित, पूरी तरह से मानव और पूरी तरह से जागृत होने के लिए लगातार घोंसले से बाहर फेंक दिया जाता है।" ~Pema Chodronजीवन की अपनी डाउन अवधि होती है: आपका बॉस आपसे नाखुश है, आपका व्यवसाय संघर्ष कर रहा है, आप अपने जीवन के प्यार के साथ संघर्ष कर रहे हैं, आपके वित्त तंग हैं, आप अच्छी नींद नहीं ल

II अनुभव : एक निज सेतु IIहमारा निज अनुभव, मनोभाव के स्तर पर, हमें बतलाता है कि भविष्य में स्वयं के अंदर कैसे भाव उभरेंगे ? अंदर के भावों की द्रष्टि से, निज अनुभव हमारे स्वयं के लिए हमारे स्वयं के वर्तमान से निकलते हुये भविष्य की झलक

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए