सरिता: तुम्हारे घर में, हम बिल्कुल टीवी नहीं देख पाते थे, आप लोग हमेशा न्यूज़ देखते रहते थे, और आपके पिताजी...
रविकांत: हाँ हाँ तुम्हें तो हमेशा शिकायत ही रहती है। हमारे घर में तुम्हें ३ महीने में इतना कष्ट हुआ, कि तुम्हारी शिकायतें थमती ही नहीं।
"3 महीना" सुनते ही सरिता अचानक क्रोधित हो गयी।
सरिता: तुम्हें क्या लगता है, कि अगर मैं शादी के १२ साल बाद शिकायत करती तो सती सावित्री कहलाती? और क्योंकि मैं साफ़ साफ़ समस्या बता रही हूँ, तो मैं डायन हूँ। तुम्हारे घरवाले मुझे कभी समझ नहीं पाएंगे। तुम्हारे घरवाले सही हैं कहाँ?
रविकांत: मैंने कुछ नहीं कहा, मैं बात नहीं करना चाहता।
सरिता: नहीं, बताओ, क्या मैंने कम सही कहा है? मैंने एडजस्ट करने की कोशिश नहीं की क्या? विस्तार से पढ़ें ....