भारत अब धीरे धीरे स्वच्छ बन रहा है। कलंक और गलत भावनाओं से मुक्त होने के लिए भारत सरकार ने अहम कदम उठाया है, मेन्टल हेल्थ केयर बिल 2013 को राज्य सभा ने सोमवार को पास किया है, और उसे जल्द ही लोक सभा में भी पढा जाएगा।
पिछले दिन quora में किसी ने मुझसे पूछा, कि वह एसपर्जर सिंड्रोम (Asperger’s Syndrome) से जूझते व्यक्ति को पसन्द नहीं करता, तो ये सही है या नहीं; मैंने उसे समझाया की वे खुद अपने मानसिकता को गलत तरफ ले जा रही हैं और उसे हम अपने देश को भविष्य में कैसा देखना चाहते हैं? पढ़ने के लिए दिया; उस पर एक और व्यक्ति ने मज़ाकिया रूप से कमेंट किया, कि "भारत को स्वच्छ होने में अभी पीढ़ियों लग जाएंगे।"
मुझे बेहद बुरा लगा, लेकिन आज मैं गर्व के साथ कह सकती हूँ, की नहीं, भारत को पीढ़ियों नहीं लगेंगे खुद को कलंक मुक्त करने के लिए।
मानसिक रोग से जूझते लोगों को भारत सरकार से काफी मदद और भरोसा मिल रहा है, ताकि वे अपने अधिकार और चिकित्सा का सही लाभ उठा सकें।
2013 का ये बिल 1987 के बिल के परिवर्तन में लाया गया है, जिनमें कुछ अहम बदलाव किये गए हैं।विस्तार से पढ़ें...