कनिका का पढ़ाई में मन नही लगता। जिसकी वजह से उसकी क्लास टीचर उसे अक्सर समझाती रहती थीं | एक दिन टीचर ने उसके पिता को बुलाकर उसकी शिकायत की । जब उसके पिता टीचर से मिलकर चले गए, तब टीचर किसी काम से क्लास के बाहर आईं तो उन्होंने देखा की कनिका के पिता उस पर जोर- जोर से चिल्ला रहे थे, और उसी गुस्से में उन्होंने उसे एक थप्पड़ भी मार दिया । टीचर को बड़ा अफ़सोस हुआ कि, उनकी वजह से कनिका को इतना झेलना पड़ा, बाद में कनिका ने मैम को रोते हुए बताया कि उसके पापा और मम्मी के बीच रोज लड़ाई होती है । और वे उसे भी जरा-जरा सी बात पर डांटते और मारते रहते हैं ।
कहीं आपका, आपके बच्चे के साथ ऐसा ही संबंध तो नही?
पूरे विश्व में खासकर भारत में ये विश्वास किया जाता है कि माता-पिता अपने बच्चे के लिए हमेशा अच्छा चाहते हैं। जबकि यह बहुत से माता-पिता के लिए सच होता है, कुछ ऐसे माता -पिता भी होते हैं ,जिनके लिए शायद यह सच नहीं होता। इसके दो मुख्य कारण है :पहला कि माता -पिता बच्चे के भले के लिए क्या सोचते हैं और, वास्तव में बच्चे के लिए क्या अच्छा है, इसमें बहुत बड़ा अंतर होता है । और दूसरा कारण है कि माता -पिता अपने भावनात्मक मुद्दो पर नियंत्रण नही रख पाते,और बच्चे के लिए क्या अच्छा है,यह जानने के बावजूद वे उसे दे नहीं पाते ।
क्या अभिभावक के क्रोधित होने का कारण उसका बच्चा होता है ?
लोग सोचते हैं कि माता -पिता के क्रोधित होने का कारण बच्चे की शरारत और समस्याएं है । हालाँकि इस बात की संभावना काफी अधिक होती है कि ये भावनात्मक समस्या सिर्फ आपके पास नही रहती, बल्कि सामाजिक संबंधों के कारण बच्चे के पास भी आ जाती है ।
हालाँकि बड़ों के पास बहुत सी भावनात्मक समस्याएं होती हैं । बहुत से माता -पिता इस पर ध्यान देते हैं, और उम्मीद की जाती है कि इसके बच्चों को नुकसान पहुँचाने के स्तर तक बढ़ने के पहले मदद और उपचार प्राप्त कर लेते हैं। जबकि अवसाद और क्रोध पर बहुत समय तक ध्यान नही दिया जाता है ।
अगर आप सोच रहे हैं कि कहीं आप तो इस श्रेणी में नही आते हैं ?
तो नीचे दिए कुछ प्रश्नों को देखिये :
- क्या बच्चे को आपसे अपने मन की बात कहने में डर लगता है?
- क्या आप अक्सर बच्चे को मारते हैं?
- जब आप बच्चे पर गुस्सा करते हैं तो क्या ये बच्चे के द्वारा की हुई गलती के अनुपात में है?
- उन पर चिल्लाने के बाद क्या आप उन्हें सांत्वना देने का कोई प्रयास करते हैं?
- क्या आपका बच्चा भी लम्बे समय तक क्रोध और दुखी मन के लक्षण प्रकट करना शुरू कर रहा है?
- क्या आपका बच्चा समय से भोजन लेता है?
- क्या आपके बच्चे के पास जब उसे जरूरत होती है, किताबें, खिलौने या दूसरी चीजें होती हैं?
यदि आपने पहले पांच प्रश्नों के उत्तर 'हाँ' में दिए और अंतिम दो प्रश्नों के उत्तर 'न ' में दिए हैं तो ये चिंता का कारण हो सकता है। इस बात की सम्भावना है, कि आपको कोई समस्या आज भी हो और शायद यह आपको अपने माता पिता द्वारा गलत तरीके से की गयी परवरिश की वजह से हो । क्रोध और अवसाद, रिश्तों के साथ हस्तक्षेप कर उन्हें तनाव पूर्ण और नाजुक बना देतें हैं।
मनोचिकित्सक से परामर्श
अभी भी देर नही हुई है। अगर आप ऐसे अभिभावक है जो बात बात पर बच्चे को डांटते और मारते हैं, तो इसका कारण बच्चा नहीं बल्कि आप किसी मनोविकार (mental illness) से ग्रसित हैं, जिसका गुस्सा आप छोटे बच्चे पर निकाल कर खुद को शांत करना चाहते हैं |अब यही समय है इसे बेहतर बनाने का । याद रखें, यह सिर्फ आप के स्वास्थ्य का सवाल नही है, बल्कि आप का अपने बच्चे के साथ रिश्ता उतना ही महत्वपूर्ण है जितना दूसरों के साथ । अगर आप इस पर काम करेंगे तो आपके संबंध कार्यस्थल (office) और घर दोनों स्थानों पर बेहतर हो जायेगें।
भावनात्मक समस्याओं से निपटने का सबसे बेहतर तरीका है, इन क्षेत्रों में काम करने वाले परामर्शक या मनोचिकित्सक (psychotherapist)से मिलें । यह बेहतर होगा कि आप ऐसे किसी के पास जाएँ जो माता पिता -बच्चे के संबंधों का विशेषज्ञ हो । सिर्फ स्वयं किताबे या इंटरनेट पर लेख पढ़ कर मदद लेने से समस्या का पूरा समाधान नहीं होगा । यह आवश्यक है कि आप अपने और अपने बच्चे के साथ जो संबंध हैं, उसपर विशेषज्ञ के साथ मिलकर काम करें, और अब तक जो भी नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई करें ।
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