24 नवम्बर 2015
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मैँ इंसान हू मनुष जनम मिला हैं कुछ जिंदगी में करने के लिए इसलिए अब ऐसा सोचा की जिंदगी कितनी रह गयी हैं यवः पता नहीं काम कुछ ऐसा किया जाए की लोग तो याद रखे यही उदेश बनाया हैं जिंदगी का D
जिंदगी में कई बार ऐसा मौका आता हैं हम न छाते हुए भी लेकिन किसी तरह वह कार्य हो जाता हैं ;;तब लोग उल्टा मतलब निकलते हैं ;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;; तब का मंजर कुछ ऐसी हो सकती हैं ;;;; दिल में हैं जो बात कह नहीं सकता किसी से ;;मिली हैं जिंदगी एक सौगात के रूप में जी रहे हैं इसे सौगात समझ के समय हैं कभी कभी हालत ऐसे हो जाते हैं उस समय jo नहीं करना चहिये वह कर बैठते हैं हम पढ़ किया करे हो गया जो हो गया वह वापिस नहीं आ सकता उसे याद कर के करना ही समय फिर खराब करें का ऐसे में वर्तमान अच्छा हो जाए ;;; और यह सब जब हो जाट हैं अचानक तब मन में नहीं खाइश कोई मिलाने की मुझे किसी से केयू की इस समय लोग हैं मतलब उल्टा निकालते हैं ई घुल मिल गया हुईं मैं गमो से एक दम ;;और धीरे धीरे बिना मतलब के लोग हैं दुरी बनाते रहते हैं कोई बात नहीं बनाने दो इनको समय आज इनका हैं ई ;;; लेकिन एक आशा हैं मन में जागृत की समय आएगा एक दिन जब खुशिया होगी ;;;;; तब देखना यही दूरी वाले लोग अपने आप ही आएंगे ई ;;;;;;;;;;;;;;;;;
29 नवम्बर 2015
अकसर देखा हैं की लोग हैं एक वयक्ति दूसरे वयक्ति के जीवन मै पन्हे ही पलटता रहता हैं िपता नहीं ऐसा करने से किया मिलता हैं ;;पन्हे पलटने के बजाये मन को पलटे और इसी न समझी के कारन मन दुखी होता हैं ;;;;;; यह ठीक हैं हम किसी को बदल तो नहीं सकते पढ़ अगर विचार करे तो कुछ हद तक संभव हो सकता हैं
28 नवम्बर 2015
अकसर देखा हैं की लोग हैं एक वयक्ति दूसरे वयक्ति के जीवन मै पन्हे ही पलटता रहता हैं िपता नहीं ऐसा करने से किया मिलता हैं ;;पन्हे पलटने के बजाये मन को पलटे और इसी न समझी के कारन मन दुखी होता हैं ;;;;;; यह ठीक हैं हम किसी को बदल तो नहीं सकते पढ़ अगर विचार करे तो कुछ हद तक संभव हो सकता हैं
28 नवम्बर 2015
जिंदगी मिल हैं हमें जीने के लिए ;;;; इस जिंदगी में दुःख और सुख आते जाते रहते हैं ;;; लेकिन जब दुःख आते हैं अक्सर देखा गया हैं की लोग परमात्मा को ही कोसते हैं बहुतों को तो मैंने यह कहते हुए भी देखा हैं ;;की हे भगवन मैंने किस का किया बिगड़ा जो यह यह दुःख मुझे दिया ई ;;;सोचे दुःख वह शक्ति हैं जो मनुष्य को कसूती पर परखती हैं और जब इस शक्ति को सेहन कर लिया जाये तो यह हमें आगे बढ़ती हैं तो दुःख की घरी में किस लिए रोना किया जीवन रोने के लिए ही हैं?;;केयू न रोये बिना जीवन का परहवाह जैसे चलता हैं चल रहा हैं वैसी ही चलता रहे इसी में भलाई हैं
27 नवम्बर 2015
जिंदगी मिल हैं हमें जीने के लिए ;;;; इस जिंदगी में दुःख और सुख आते जाते रहते हैं ;;; लेकिन जब दुःख आते हैं अक्सर देखा गया हैं की लोग परमात्मा को ही कोसते हैं बहुतों को तो मैंने यह कहते हुए भी देखा हैं ;;की हे भगवन मैंने किस का किया बिगड़ा जो यह यह दुःख मुझे दिया ई ;;;सोचे दुःख वह शक्ति हैं जो मनुष्य को कसूती पर परखती हैं और जब इस शक्ति को सेहन कर लिया जाये तो यह हमें आगे बढ़ती हैं तो दुःख की घरी में किस लिए रोना किया जीवन रोने के लिए ही हैं?;;केयू न रोये बिना जीवन का परहवाह जैसे चलता हैं चल रहा हैं वैसी ही चलता रहे इसी में भलाई हैं
27 नवम्बर 2015
बहुत अच्छा लिखा है मगर थोड़ा सा और लिख सकते है इस लेख मे ... शीर्षक सटीक है ...
26 नवम्बर 2015