जिंदगी में इंसान जब आगे बढ़ता है तो हजारों असफलताओं का सामना करना पड़ता है .जब इन्सान सफल हो जाता है तो सब लोग उसकी तारीफ़ करते हैं और यदि आप सफल हो जाता है तो सब लोग उसकी बुराई करते हैं .जाने कितने बुरे बुरे ताने मारते हैं और समाज भी उसे बेकार लोगों की श्रेणी में रख देता है .और उसके नाते रिश्तेदार मिलने वाले दोस्त सबको उसमें हजारों बुराइयां दिखाई देने लगती है .जो उसके बहुत क़रीब थे वह भी दूरियां बनाने लगते हैं लेकिन शायद वह सब ये भूल जाते हैं वह व्यक्ति असफल हुआ है पर वह आदमी अभी भी जिंदा है क्योंकि यदि उसने असफलता पाई है तो क्या हुआ उसने कोशिश तो करी है वह ऐसा सिपाही हैजो युद्ध के मैदान में लड़ने तो गया वरना लोग बाहर खड़े होकर केवल सलाह देते हैं और कुछ करते नहीं है .आज मैं ऐसे विषय पर लिख रहा हूं जिसे लोग बोलने से भी डरते हैं जिसका नाम है असफलता .क्यूंकि मैंने भी अपने जीवन में बहुत असफलताओं का सामना किया है और कर रहा हूं पर मुझे असफलताओं से एक लगाव सा हो गया है .बहुत गहरा रिश्ता सा रहा है असफलता से ।असफल वही हो सकता है जिसने लड़ने का साहस किया है और अंत तक लड़ता रहा है सफलता के लिए ।