असफलता एक रहस्य भी है जो जितना असफल है वह उतना ही काबिल है जो व्यक्ति सफल हो जाता है उसकी एक ही दिशा रह जाती है लेकिन जो व्यक्ति असफल रहता है उसके हजारों दिशाएं रह जाती है .आज मैं आपको एक ऐसी कहानी सुनाता हूं जिसमें एक व्यक्ति सफल होता है और एक असफल रह जाता है दो परिवार एक कालोनी में एक साथ रहते हैं ।दोनों परिवारों में आपस में बहुत अच्छा व्यवहार है दोनों परिवार में एक एक लड़का होता है जिनका नाम राहुल और रोहित है जो एक अच्छे दोस्त हैं दोनों संग स्कूल जाते हैं फिर दोनों संग कालेज जाते हैं दोनों सफलता पाने के लिए रात दिन एक साथ मेहनत करते हैं .एक दिन दोनों दोस्त कमरे में बैठकर पढ़ रहे हैं तभी राहुल रोहित से कहता है:" जब मेरी नौकरी लग जाएगी तो मैं विदेश चला जाऊंगा ". तभी रोहित कहता है :"नई भाई मेरी नौकरी लग जाएगी तो मैं तो अपने देश में ही रहूंगा".। इस बात पर दोनों आपस में हंसते हैं और बहस करते करते करते दोनों पढ़ कर सो जाते हैं कुछ दिनों बाद नौकरी का टैस्ट देते हैं जिसमें राहुल का सेलेक्शन हो जाता है और रोहित एक नंबर से रह जाता हैं राहुल का सलेक्शन होने के बाद उसके माता पिता का व्यवहार रोहित के प्रति बदल जाता है उनको रोहित बेकार लगने लगता है ।और अपने बेटे राहुल से मना कर देते हैं कि उसके साथ नहीं रहना है क्योंकि वह पास नहीं हो पाया पर रोहित के माता पिता कहते हैं :"कोई बात नहीं बेटा जिंदगी में सफलता असफलता लगी रहती है "।तभी रोहित कहता है:" कोई बात नहीं मैं अपने देश में रह कर भी कोई छोटा बिजनेस कर लेता हूं" राहुल की नौकरी लगने के बाद वह विदेश चला जाता है उसके विदेश जाने पर उसके माता पिता मिठाइयां बांटते हैं खुशियां मनाते हैं कि उन्होंने जो मेहनत करे उसकी सफलता उन्हें मिल गई उनका बच्चा विदेश चला गया नौकरी करने के लिए .।पर रोहित अपने देश में रहकर छोटा सा व्यापार करने लगा और अपने माता पिता के साथ रहने लगा और कभी अपनी जिंदगी में कभी इस बात का अफ़सोस नहीं किया कि उसकी नौकरी नहीं लगी .कुछ साल बीतने के बाद राहुल अपने देश वापस नहीं आया वहीं विदेश में रह गया वहीं शादी कर ली ।उसके माता पिता उसकी राह देखते रहे पर राहुल वापस नहीं आया 1 दिन अचानक राहुल की मां की तबीयत खराब हुई राहुल के पिताजी दौड़कर रोहित के पास आए और बोले बेटा तुम्हारी आंटी की तबियत अचानक खराब हो गई है उनकी बात सुनकर रोहित दौड़कर गया और उनको हॉस्पिटल लेकर इलाज कराया फिर वापस घर पर छोड़ गए अपने बिजनेस पर चला गया ।शाम को जब वह वापस आया तो देखा राहुल के पिताजी उसके घर पर बैठे चाय पी रहे हैं रोहित को देख कर उठते हैं और गले लगाकर कहते हैं :" सच में बेटा तुम मेरी नज़र में सफल हुए हों क्योंकि तुमने अपने माता पिता की देखभाल कि हैं और कर रहे हो मैं इतना नादान था सफलता नौकरी को मानता था पर आज मेरी आंख खुल गई सफलता वह जो सबको खुशियां दें न कि अपने स्वार्थ की पूर्ति करें ." ।सच में असफलता एक रहस्य ये जब पता चलता है जब समय अपनी रफ्तार पकड़ता है आप कोई कहानी कैसी लगी जरुर बताएं