दूसरों को देखकर अपनी दुनिया बनाना। हमारी असफलता का मुख्य कारण यह भी हो सकता है हम दूसरों को देख कर बहुत प्रभावित हो जाते हैं यदि कोई व्यक्ति अच्छी कार से उतरता है उसको देखकर बहुत प्रभावित हो जाते हैं उसके जैसे पैसेवाला बनाना चाहते हैं यदि वह बिजनेस वाला है तो उसका बिजनेस देखकर कोशिश करते हैं उसके ऐसा बिजनेस को करने की। यदि कोई व्यक्ति अच्छी नौकरी को करता है हम कोशिश करते हैं उसके जैसी नौकरी करने की और यही हमारी असफलता का मेन कारण हो सकता है फिर हम अपनी किस्मत और दूसरों पर दोष मढ़ते हैं कि इस कारण असफल रह गए । एक कालोनी में विजय नाम का व्यक्ति रहने आया ।उसके पड़ौस में राहुल नाम का पड़ोसी रहता है जो अपने घर के ही परचूनी की दुकान चलाता है वह विजय के रहन सहन ठाठ बाट को देखकर मन ही मन सोचता है कि ये बहुत पैसे वाला में इसके जैसें पैसे वाला क्यों नहीं बन सकता। यह सोचकर वह विजय के पास जाता है और पूछता हैं आपका क्या काम है विजय बताता उसका काम कपड़े का है वह कपड़े का व्यापार ये कपड़े बेचता है उसकी बात को सुनकर घर आया था और अपनी परचूनी की दुकान को बंद करके कपड़े की दुकान खोल देता है और पैसे वाला बनने की सोचने लगता है वह दुकान तो खोल लेता है पर कालोनी में दुकान नहीं चलती है और उसको बहुत बड़ा घाटा हो जाता है कुछ दिन बाद नहीं चलाने ।वह उदास मन से फिर विजय के बाद जाता है और कहता है भैयाजी मैंने आपको देखकर कपड़े की दुकान खोल ली पर मेरी दुकान नहीं चलीं उसकी बात सुन कर विजय हंसता है फिर कहता हैं भैया जी आपने मुझसे पूछ कर तो नहीं खोली थी आपने मुझको देखकर खोली है यदि एक बार मुझसे पूछते तो मैं बताता मैंने अपने जीवन के 20 साल दिए इस काम को बारीकी से सीखा है तब जा के पैसा,कमा रहा हूं और आपने दुकान अपने कालोनी नहीं खोली जहां पर कुछ ही मकान और घर बने हैं आपके कपड़े कैसे बिकेंगे उसकी बात सुनकर उसको बहुत अफ़सोस होता बहुत पछतावा होता हैं वह अपने मन में सोच लगता है किसी भी व्यक्ति को देखकर उसके अब जैसें बनना मूर्खता हो सकती है ये कहानी बताती है कि यदि आप दूसरों को देख कर अपना जीवन व्यतीत करते हैं तो आप अपने जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं ।ऐसे पढ़ने वाले छात्र हैं दूसरों को पढ़ते देख कर सोचते हैं कि उसके जैसे पढ़ाई की जा सकती है और उसके जैसे ही तेज बना जा सकता है पर वह अपनी कमज़ोरियों को भूल जाता है कि वह उसके जैसे पढ़ने में तेज है या नहीं । हो और दूसरे व्यक्ति को आदर्श तो माना जा सकता है पर उसके जैसें बनना बहुत मुश्किल है क्योंकि हर व्यक्ति की अपनी अलग क्षमता होती है आप अपना काम अपनी क्षमतानुसार करे ताकि आपके अपने सपने साकार हो सके आप अपनी मंज़िल को हासिल कर सके इस संसार में कोई भी नौकरी व्यापार पेशा खराब नहीं होता है उसे करने का सबका अलग अलग ढंग होता है कोई सफल हो जाता है कोई असफल रह जाता है ।दूसरों को देखकर अपनी दुनिया बनाना भी हमारी असफलता कारण हो सकता है
मैं लेखक हूँ कहानियां लिखता हूँ कविता लिखता हूं बैस्ट मोटिवेशन स्टोरी राइटर का अवार्ड ब्रिज फेस्टिवल वृंदावन में मिला है मैंने ओपन माइक पर भी परफॉर्मेंस किया है D
यदि जिंदगी में कोई व्यक्ति असफल रह जाता है तो वह निराशा में हमेशा घिरा रह जाता है .चारों तरफ से अंधकार के अलावा कुछ दिखाई नहीं देता .ऐसे में यदि वे असफल होता है तो ये साबित नहीं होता कि वह काबिल नहीं है