हमारी असफलता के ज़िम्मेदार हम स्वयं होते हैं हम अपने आपको धोखा देते रहते हैं और उसका नतीजा निकलता है हम असफल हो जाते हैं ।एक गांव में एक लड़का बहुत होशियार हैं और वह हमेशा क्लास में प्रथम आता हैं उसके स्कूल में नए लड़के का एडमिशन होता है वह लड़का देखने मे शरारती है वह लड़का उसके साथ दोस्ती कर लेता है अब धीरे धीरे जो गांव लड़का उस नए लड़के की शरारतों में शामिल होने लगता है और जब भी पढ़ने बैठता है वह स्वयं अपने आपसे कहने लगता आज मैं क्या करूंगा पढ़ाई करके? कल से पढ़ाई शुरू करूंगा क्योंकि पेपर आने बहुत समय और नए लड़के के साथ खेलने में लगा रहता है इसका नतीजा ये होता है कि जब पेपर आते हैं पेपर मैं कुछ नहीं लिख पाता है और फेल हो जाता है तो बहुत अफ़सोस करता है काश मैं अपने आपको धोखा न नहीं देता तो मैं आज पास हो जाता ऐसे बहुत सारे उदाहरण है कि हम काम को कल पर डालने लगते हैं और इसका नतीजा होता है वह काम हमारे हाथ से निकल जाता है और असफलता मिलती है लोगों की की आदत हो जाती है काम को टालने की चाहे पढ़ाई का क्षेत्रों या व्यापार का या कोई और काम अगर हम किसी काम को कल पर टाल देते हैं तो असफलता हमें मिलती है और हमारा काम हमारी पढ़ाई या हमारा व्यापार चौपट भी हो सकता है इसीलिए हमेशा कोई भी काम टालना नहीं चाहिये कोशिश की जाए कि वह काम आज ही किया जाए ताकि सफलता मिल सके पर हमारे शरीर में एक और शैतान बैठा हैजिसका नाम आलस है जो हमें हमेशा आज्ञा देता है आज काम नहीं करना कल करेंगे ऐसी बहुत सारी आदत हमारी सफलता को रोक देती है ।जिस काम को करने पर शरीर आलस करता है तो वह काम जरूर करना चाहिए क्योंकि आलस आप की सफलता रोक सकता है इसीलिए स्वयं अपने आपको धोखा नहीं देना चाहिए क्योंकि सपने आपके हैं आप पूरा करना है
मैं लेखक हूँ कहानियां लिखता हूँ कविता लिखता हूं बैस्ट मोटिवेशन स्टोरी राइटर का अवार्ड ब्रिज फेस्टिवल वृंदावन में मिला है मैंने ओपन माइक पर भी परफॉर्मेंस किया है D
यदि जिंदगी में कोई व्यक्ति असफल रह जाता है तो वह निराशा में हमेशा घिरा रह जाता है .चारों तरफ से अंधकार के अलावा कुछ दिखाई नहीं देता .ऐसे में यदि वे असफल होता है तो ये साबित नहीं होता कि वह काबिल नहीं है