असफलता एक मूल मंत्र है सफल होने का .एक खेल के मैदान में कुछ खिलाड़ी खेल रहे हैं बाकी दर्शक बनकर ताली बजा रहे हैं जब खिलाड़ी खेलते हैं तो हर खिलाड़ी तो जीतता नहीं है एक फ र्स्ट आता हैं दूसरा सेकेंड आता है तीसरा थर्ड आता है तो क्या बाकी खिलाड़ी बेकार है और दर्शकों में बैठा हुआ एक व्यक्ति कमेंट्स करता है हारे खिलाड़ी से "तुम बेकार हो तुम हार गए "खिलाड़ी पलटकर जवाब देता है सच में मैं हार गया मुझे अफ़सोस नहीं पर मैंने कोशिश तो की लड़ने की न तुम्हारी तरह कर ताली बजाने की ।खिलाड़ी की बात सुनकर दर्शक खामोश हो जाता है पास में एक बैठे हुए दर्शक उठता है और हारे खिलाड़ी को से सलूट करता है खिलाड़ी ही उसका सलूट लेकर आगे मुस्कुराता चला जाता है ।ये कहानी ये बताती है कि यदि कोई व्यक्ति फ र्स्ट आया तो उसने जीवन न जाने कितनी असफलताओं का सामना किया है जाने कितने तानों को सहा हैं कितनी रातें असफलता में काटी है बस जीवन का एक मूल मन्त्र असफलता ।संसार के महान वैज्ञानिकों एडिसन का नाम आता है उनकी सफलता को सब जानते हैं उनकी सफलता और योगदान को पूरा संसार कभी नहीं भूल सकता उनकी कहानी पढ़ी होंगी। पर जब बल्ब का अविष्कार कर रहे थे तो हजारों बार आप असफल हुए तब बल्ब का आविष्कार किया यदि आप सोचो असफल नहीं होते तो बल्ब का आविष्कार हो पाता।शायद नहीं लोग असफल होने पर हिम्मत आ जाते हैं आप किसी महान व्यक्ति की जीवनी पढ़ लीजियेगा अपने पता चलेगा उन्होंने अपने जीवन में कितनी असफलताओं का सामना किया है ।कुछ को तो संसार में पागल तक का करार दे दिया था उनकी असफलताओं पर पर उन हिम्मत नहीं हारी वह जब जीते दुनिया ने दुनिया ने उनकी काबिलियत का लोहा माना ।चूंकि उन्होंने अपने जीवन में सफलता के मंत्र को जीवन उतार लिया था "यदि असफल नहीं तो सफल नहीं" असफलता एक सीढ़ी आगे बढ़ने की पर लोग असफलता से निराश हो जाते हैं और हिम्मत त्याग देते हैं ।और गुमनामी में खो जाते हैं यदि आप अपने जीवन में असफल हैं तो मान लीजिए आपकी सफलता का इंतजार कर रही है बस हिम्मत को बढ़ाई और सफलता प्राप्त कीजिये ।