मांस-मदिरा निषेध हेतु कार्यक्रम किया गया आयोजित,
जो कि था शहर के मदिरा-किंग के द्वारा ही प्रायोजित!
मांग थी कि सभी तमोगुणी चीज़ों का उपभोग बंद करें,
डिसाइड हुआ कि इसी ख़ुशी में चिकन का सेवन करें!
एक नेता माईक पर गरीबी हटाने को था चिल्ला रहा,
पास एक माँ की गोद में शिशु भूख से बिलबिला रहा!
कालकवलित होने से उस शिशु का रुदन यूँ बंद हुआ,
यूँ गरीबी को हटा भाषण के सत्यापन का प्रबंध हुआ!
वो भरे फुटपाथ पर अपनी बीवी को बहुत था पीट रहा,
और उत्तेजना से भरे हुए बोलों में था वो यूँ ही चीख रहा!
जब बोला था मत निकलना घर से बाहर तू निकली क्यूँ,
आज़ादी की परेड देखना ज़रूरी था जो निकल आयी यूँ!
वो ईमानदार था क्यूंकि अभी तक पकड़ा नहीं गया था,
वो ईमानदार था क्यूंकि शिकंजे में जकड़ा नहीं गया था!
वो पकड़ा जाता भी कैसे, वो एक हरी सी पर्ची रखता था,
क्यूंकि वो हर चौराहे के लिए उनकी जेबख़र्ची रखता था!
ऐसे ही कितनी ही अतिश्योक्तियों में समाज ये जी रहा है,
जान बचानेवाला डॉक्टर ही अब लोगों का लहू पी रहा है!
जाते जाते कुछ देखकर चेहरा यूँही बरबस मुस्कुरा रहा है,
कन्या-हत्या करवानेवाले आज कन्या भोज करवा रहा है!