1990 के दशक में ‘शक्तिमान’ बच्चों के लिए किसी फ़रिश्ते से कम नहीं थे. तभी तो रविवार के दिन दोपहर 12 बजे कॉलोनी की गलियों और चौराहों पर एक सन्नटा छा जाता था. सभी बच्चे टीवी के सामने बैठ कर अपने सुपरहीरो का इंतज़ार करने लगते थे. उस दौर में बच्चों का एक ही मसीहा था ‘शक्तिमान’ जो अलग-अलग तरह के दुश्मनो से लड़ता... और पढ़ें