22 मार्च 2016
ऋषि जी, ई-रिक्शा के आने से सबसे बड़ी बात ये हुई कि अब हमें रिक्शे पर बैठते हुए ये संकोच और आत्म-ग्लानि नहीं होती कि एक आदमी आराम से बैठता है और एक आदमी ही उसे खींचता है I लेकिन, इन रिक्शों पर रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस की प्रक्रिया बहुत साधारण ही होनी चाहिए ताकि ग़रीब से ग़रीब बेरोज़गार भी इसके सहारे अपना परिवार चला सके I अब तो कई शहरों में महिलाओं ने भी पहल कर दी है I मेहनत करके रोज़ी-रोटी कमाना हर इन्सान के लिए गर्व की बात है I
23 मार्च 2016