किसी भी बात का मुझपे असर नही होता
जो मेरे हाल से वो बेख़बर नही होता
वो जो कहते हैं चिरागों मे रोशनी ना रही
उनकी आँखों मे रोशनी का घर नही होता
घरों से तंग हैं जहाँ दिलों के दरवाज़े
बूढ़े माँ -बाप का वहा बसर नही होता
सदा सच बोलने के संग ये ही मुश्किल हैं
करे सबको ख़ुश यह ऐसा हुनर नही होता