मेरी ख़ट्ठी मीठू डायरी
अरे पता हैमेरी ख़ट्ठी मीठू डायरी आज लेट लतीफ सुकून सोची आज ख़ट्ठी मीठू डायरी से मिले या नही फिर सोची नही मिल लेती हूँ बिना ख़ट्ठी मीठू डायरी से मिले लगता है जैसे खुद में अधूरा सा।
तुझसे मिल कर बड़ा ही अच्छा सा लगने लगा है आज पता है आज इता सारा काम था बहुत थक सी गई हूँ
आज मुझे कहानी भी लिखनी है पता है कल रात एक कविता लिखी सबको अच्छी लगी तो सपने में भी मैं लिख रही थी फिर नींद खुली तो सपने को याद करके हंसी आ गई।
सपने में भी लिख रही थी और पता नही आज कुछ खाली खाली सा लग रहा है सोची चलो अपनी ख़ट्ठी मीठू के साथ कुछ पल गुजार लूँ शायद अच्छा लगे।
आज शाम को हमारी बुक का कवर लॉन्च होगा पता है इति व्यस्त होते हुए भी मैंने सर को कविता लिख कर भेजी बेचारे ने टाइम दे दिया वरना सोची लगता है इसबार उनलोगों के साथ मेरी बुक नही निकलेगी लेकिन सर की वजह से मुझे मेरी ख़ुशी मिल गई बड़ा ही अच्छा लगा दिल ही दिल सर का शुक्रिया अदा की।
अच्छा आज तो बुक की कवर देख कर पता है बड़ी ख़ुशी हुई
अच्छा आज की मुलाक़ात बस इतनी ही मेरी ख़ट्ठी मीठू डायरी
नवंबर की आज अंतिम मुलाक़ात है फिर कल से एक नई मुलाक़ात के साथ मिलूंगी सोच तो रही हूँ आऊंगी ही मिलने।
बिना मिले मुझे चैन न आये अपनी ख़ट्ठी मीठू डायरी के बिना।
अच्छा चलो अब सोते हैं मुझे ख़ुशी के मारे नींद आ नही रही है अपनी बुक का कवर देख कर लेकिन तुम तो सो जाओ मेरी ख़ट्ठी मीठू अब शुभरात्रि और मेरे पढ़ने वाले पाठकों को भी सुकून के तरफ से शुभरात्रि आप सब भी सो जाना।
आज हमारी नवंबर माह की डायरी समाप्त हो गई
अच्छा तो आज की मुलाक़ात सब इतनी ही सुकून और मेरी ख़ट्ठी मीठू डायरी और पाठकों का।
अच्छा अब चलते कल मिलते हैं भूल न जाना फिर आते हैं ।
समाप्त 🙏🙏
सुकून