दिनांक 5नवंबर 2022
मेरी खट्टी मीठू डायरी।
देखो सुकून आ गई न, थोड़ी सी लेट लतीफ है।
ओ मेरी खट्टी मीठू डायरी चलो मुझे माफ करो आज दो दिनों बाद मिलना हुआ।
कहीं तुम नाराज तो नही हो न सच्ची बोलना।
अरे खट्टी मीठू डायरी दो दिन काम में उलझी थी तभी तो नही मिली वैसे तुमसे मिले कैस रह सकती हूँ।
अब तो तेरे मेरे बीच एक नया रिश्ता जो बन गया है।
अरे पता है तुझे कल तुलसी विवाह था तो थोड़ी सी उसी में व्यस्त थी हमने भी पूजा की,
बड़ा ही अच्छा लगा जैसे लग रहा था फिर से दिवाली तो नही आ गई।
हमारे जिंदगी में पूजा करने से रूपया पैसा सारी खुशियाँ नही मिलती है।
पूजा करने से शांति और संस्कार मिलते हैं और अच्छा भी लगता है। अपने रीति रिवाज़ निभाना।
लेकिन अब ज़माने के हिसाब से बहुत कुछ बदल रहा है।
पूजा के मायने रीति रिवाज़ और संस्कार।
वैसे हमारी सोच है ख़ट्ठी मीठू डायरी हम तो अपने रीति रिवाज़
और संस्कार को निभाने की।
हमारे बिहार क्या शायद पूरे भारत में कार्तिक मास सबके लिए खास होता है।
शायद सबसे पवित्र महीना होता है।
हर दिन कुछ न कुछ खास दिन होता है।
पहले दिवाली फिर बिहार का छठ जो पूरे भारत में देश विदेश रहने वाले मनाते हैं
वो भी धूम धाम से ये पूजा नही है बल्कि एक दूसरे के सहयोग की भावना से की जाती है ये पूजा।
कभी फुर्सत मिले तो एक बार बिहार का छठ पूजा जरूर देखिए।
ये सुनकर बहुत अच्छा लगता है, हम बिहारी अपने रीति रिवाज़ को कहीं भी रहें देश के किसी कोने में पर निभाते जरूर हैं।
पता है फिर तुलसी विवाह का भी बहुत खास महत्व है अरे वो बस तुलसी माता ही नही है वो बहुत सारी बीमारी की ओषधी भी है।
अरे मेरी ख़ट्ठी मीठू डायरी आज तो सोच रही होगी आज सुकून बहुत ज्ञान दे रही है है न मेरी ख़ट्ठी मीठू डायरी।
अच्छा आज बस इतना अब मुझे बड़े जोर की नींद आ रही है तो मैं जा रही हूँ सोने वैसे कल तो रविवार है तो थोड़ीलेट जगूँगी समझी मेरी ख़ट्ठी मीठू डायरी।
अब चलो आप भी सो जाओ कल मिलूंगी ढ़ेर सारी बातों के साथ आपकी सुकून।
शुभरात्रि सभी को सुकून के तरफ से और मेरी खट्टी मीठू डायरी पढ़ने वालों को भी।
सुकून