दिनांक 9 नवम्बर 2022
मेरी ख़ट्ठी मीठू डायरी
ओहो आज तो मेरी ख़ट्ठी मीठू डायरी मुझसे नाराज होगी।
मुझे पता है वो नही बोलेगी बोल के गई एक दिन नही आऊंगी और आई पूरे दो दिन बाद तो नाराज तो होगी ही न।
अच्छा चलो मुझे माफ कर दो मेरी ख़ट्ठी मीठू डायरी अरे एक अकेलु जान कितने सारे काम पड़े हैं तो सबको निबटाते निबटाते टाइम ही नही मिला बहुत रात हो गई थी तो सोची अच्छा मेरी ख़ट्ठी मीठू डायरी अब सो गई होगी तो कैसे जगाऊँगी तो छोड़ दी।
अरे पता है कल न बिहार में कार्तिक पूर्णिमा को गंगा स्नान का बहुत महत्व होता है,
पता है मेरी माँ ने अपनी माँ को गंगा स्नान करवाई पता है वो कितनी बूढ़ी हैं 95 साल की है और उन्हें गंगा स्नान करने का बड़ा ही दिल था फिर मेरी माँ और मेरे भाई सब ने मिलकर उन्हें गंगा स्नान कराया।
पता है वो इतनी खुश हुई न और सबको इतना आशीर्वाद दिया की मत पूछो और पता है ख़ट्ठी मीठू डायरी गंगा जी के पास वो वालू पर गाड़ी नही चलता है तो मेरे भाई ने टेला पर बैठा कर फिर वो नही चला तो गोदी में लेकर ये पुण्य का काम किये।
मुझे बहुत ख़ुशी हुई जब कोई अपने बुजुर्ग माँ बाबा का ख़ुशी का ख्याल रखते हैं तो मेरी माँ जितना करती है उतना हम सब अपनेl माँ बाबा का सेवा कर पायेंगे या नही हमेशा दिल में ये सवाल आता है।
अरे ख़ट्ठी मीठू डायरी सच्ची में आज मुझे माँ और माँ की माँ की खुशियों से भरे चेहरे की मुस्कान भूले नही भूल रही हूँ।
अच्छा आज तुम्हें मेरी ख़ट्ठी मीठू डायरी सुनाई न थोड़ी सी अलग सी बातें अच्छा लगा या नही बोलो न।
अरे यार इति नाराजगी क्या चलो जल्दी से मुस्कुरा दो अब चलती हूँ।
फिर आऊंगी मिलने मुझे नीनू बुला रही है।
अरे बोलो न जाऊं या तुम नाराज ही रहोगी अरे अब बहुत हो गया अब अच्छी वाली मुस्कुराहट के साथ मुझे शुभरात्रि तो बोलो न।
अच्छा अब तुम भी सो जाना अपनी लेट लतीफ सुकून की नाराजगी हटा कर समझी।
चलो अब शुभरात्रि और मेरी ख़ट्ठी मीठू डायरी पढ़ने वाले सभी पाठकों को भी प्यारी सी शुभरात्रि। अरे आप सब भी सो जाना जल्दी सोना अच्छी आदत होती है समझे आप सब हँसना नही
लेट लतीफ सुकून की बातें पढ़कर।
सुकून