दिनांक 6 नवंबर 2022
मेरी ख़ट्ठी मीठू डायरी
आज आ गई न खट्टी मीठू डायरी तुमसे मिलने तुम्हारी सुकून आज भूली नही तुमसे मिलना।
वरना तुम फिर नाराज हो जाती न फिर कहती क्या सुकून तूने आज
फिर गायब हो लेट लतीफ सुकून।
लेकिन आज तेरी शिकायत दूर कर दी आ गई न।
पता है आज संडे था फिर भी तुमसे मिलने आ गईतुमसे तेरी लेट लतीफ सुकून।
चलो अब मुस्कुरा तो दो मेरी ख़ट्ठी मीठू डायरी।
आज तो तुम नाराज नही होगी न सुकून आ गई न तुमसे मिलने
आज पता है तेरी सुकून बहुत खुश है।
अब पूछोगी नही।
आज पता है बिहार में उपचुनाव था और मैंने सबसे बाजी लगाई थी की मेरी पार्टी जीतेगी।
दो बहुत दिग्गज के बीच मुकाबला बहुत ही रोमंचक था और मैंने और मेरे पापा एक तरफ और पूरे घर वाले दूसरे पार्टी में थे।
फिर क्या मेरा एक भाई तो फेसबुक पर वेट भी लगा लिया था। 50000 हजार का और आज उसकी बोलती बंद हो गई मुझे खूब हंसी आ रही थी।
बिना जीते सब ख़ुशी मना रहे थे और मैं मुस्कुरा रही थी की कल देखना जब रिजल्ट आएगा तब।
और फिर क्या जब जीत हुई तो सब उदास हो गए और मैं सोचने लगी की सच्ची में जब तक जीत न मिले तब तक जीत की ख़ुशी नही मनानी चाहिए।
अरे ख़ट्ठी मीठू डायरी जीत के खुश नही हूँ बस ये सोच के मुस्करा रही हूँ की एक सीख मिली की बिना जीते कभी ख़ुशी नही मनानी चाहिए जिंदगी में जब तक बाजी जीत न लो।
क्यों की कुछ जीत में मेहनत के साथ किस्मत का साथ मिलता है।
आज आज बहुत हो गया वैसे सुबह से tv पर ऑंखें टिकी थी तो मेरी आँखों को नीनू आ रही है तो मैं जा रही हूँ सोने और चलो आप भी मेरी खट्टी मीठू डायरी सो जाना पढ़कर अपनी सुकून की बातें सुनकर हँसना नही।
अब देखो कल नही आऊंगी आपसे मिलने समझी मेरी ख़ट्ठी मीठू डायरी।
शुभरात्रि मेरी ख़ट्ठी मीठू डायरी पढ़ने वालों को भी सुकून की तरफ से।
सुकून