दिनांक 19 नवंबर 2022
मेरी ख़ट्ठी मीठू डायरी
लो आ गई न तुम्हें तो लग रहा होगा की लेट लतीफ सुकून आएगी या नही लेकिन आ गई।
पता है आज हम अपने परिवार से ऑनलाइन बात कर रहे थे।
और जानती हो हम सब भाई बहन माँ पापा जब बातें करते हैं तो जैसे लगता है एक ही जगह पर बैठे हों और आपस में बात कर रहे हैं।
जानती हो खट्ठी मीठू डायरी जब बातें होती है तो माँ पापा भाई बहन सब एक दूसरे खो जाते हैं बड़ा अच्छा लगता है सब इतनी बातें करते हैं की दिल खाली सा रह जाता है।
पता है फोन रखने के बाद भी लगता है कुछ पल के लिए कितनी खूबसूरत सी दुनिया से वापस आई हूँ सपनो वाली अपनों के साथ।
अब तुम्हें भी हंसी आई न मेरी बातों से अगर तुम भी आओगी न ख़ट्ठी मीठू डायरी हम सब की बातें सुनने तो एक पल के लिए भूल जाओगी की ये लोग एक जगह हैं या अलग अलग।
अच्छा चलो आज इतना ही आज थक गई हूँ और रात भी हो गई है मुझे नीनू आ रही है तो मैं सोने चली
वैसे तेरा दिल भरा नही होगा न मेरी बातों से है न ख़ट्ठी मीठू डायरी।
चलो शुभरात्रि मेरी ख़ट्ठी मीठू डायरी और मेरे पाठकों को भी शुभरात्रि आप सब भी सो जाना
सुकून