मेरी ख़ट्ठी मीठू डायरी
अरे बाप रे मेरी ख़ट्ठी मीठू डायरी मुझसे नाराज है।अरे यार व्यस्त थी पर तेरी बहुत याद आती थी।
तुझसे मिलने का बहुत दिल करता था, सोचती थी चलूँ थोड़ी देर
ख़ट्ठी मीठू के साथ गुजार लूँ पर नींद आ जाती थी और सो जाती थी।
अब क्या करती नींद तो सुनती नहीं है जब उसे आना है तो आ ही जाती है।
अच्छा चलो मुझे याद किया या नहीं बोलो जल्दी से अब ये क्या
अब रूठ गई हो।
अरे जानती हो ख़ट्ठी मीठू डायरी जानती हो कभी कभी लोग डर जाते हैं न गलती करके भी
पर इंसान ही तो हैं गलती तो होती है न गलती की माफी भी होती है
लेकिन किसी को अगर फोन पर डराये धमकाये तो क्या डरना चाहिए।
मैं तो कहूँगी एक दम नही डरना चाहिए जितना तुम डरोगे उतना ही,
लोग डराते हैं बिना गलती के भी लगेगा जैसे सच्ची में हमसे ही तो गलती नहीं हुआ है।
अरे ख़ट्ठी मीठू डायरी आजकल फोन पर वाट्सअप पर इनबॉक्स में कुछ भी मैसेज कर देते हैं लोग डर जाते हैं लेकिन डरे नहीं बल्कि डरा कर अपने डर को दूर भगाएं।
पता है खट्ठी मीठू डायरी मेरे माँ बाबा के पास कुछ हो न हो देने के लिए पर हिम्मत और जो साहस दिया है न वो बहुत कम को मिलता होगा सच्ची में
मेरे माँ बाबा ने संस्कार हिम्मत साहस का ऐसा गहना दिया है न जो सारे गहने के आगे फीके पर गए हैं।
हमारी जिंदगी में भी मुश्किल आती है पर अपने माँ बाबा के दिए उस गहने को पहन कर मैंसभी मुश्किल से खुद को संभाल लेती हूँ।
काश दुनिया की सबसे बड़ी खूबसूरत गहने में से एक है है न ख़ट्ठी मीठू डायरी
अच्छा अब कल मिलती हूँ अब चलो मैं सोने जा रही हूँ आप भी सो जाओ। मुझे तो नींद आ रही है बड़े जोर की अगर सो गई आज भी अपनी ख़ट्ठी मीठू डायरी से मिले बिना तो ख़ट्ठी मीठू पक्का नाराज हो जाएगी।
शुभरात्रि ख़ट्ठी मीठू डायरी पढ़ने वाले को भी और मेरी ख़ट्ठी मीठू डायरी को भी।
सुकून