मेरी ख़ट्ठी मीठू डायरी
ओहो आज लेट हो गई अरे माफ तो कर दो मैं तो आज भूल ही गई थी की आज ख़ट्ठी मीठू डायरी से मिलना भी है।
अरे बाप रे कितने गुस्से में है देखो तो आज पता है यहाँ न बारिश हो रही थी और ठंड थी और पता है न कल पार्टी में चली गई तो थक गई खा खा कर।
अरे वजन भी बढ़ गया है मेरा थोड़ी सोची अच्छा चलो ख़ट्ठी मीठू डायरी के साथ थोड़ा वक्त बीता लूँ।
पता है ख़ट्ठी मीठू मैने 9नंबर को भी दैनिक प्रतियोगिता में जीती अरे इतनी खुश हुई न की मत पूछो।
वैसे बता दूँ मैं अपनी ख़ुशी अकेले एन्जॉय करती हूँ लेकिन अब तो तुम मेरी दोस्त बन गई हो पक्का वाला तो अकेले कहाँ अपनी सारी बातें तो तुमको बता देती हूँ फिर आराम से सो जाती हूँ।
अरे गम जब अकेले तो ख़ुशी में भी अकेले अच्छा लगता है न क्यों किसी को परेशान करूँ।
अपनी ख़ुशी बता कर अब क्या पता मेरी ख़ुशी में कोई खुश हो न हो अब मुझे क्या पता?
इसलिए सुकून तो अपनी ख़ुशी में अकेले ही खुश हो जाती है न
अब ये सुकून के लिए अच्छी बात है न अपनी ख़ुशी में हम ही खुश नही होंगे तो दूसरे क्या खाक खुश होंगे है न मेरी ख़ट्ठी मीठू डायरी।
अच्छा अब चलो सोने आज बहुत लेट हो गई हूँ मुझे नींद आ रही है।
आप भी सो जाओ इति रात को कोई जागता है वैसे कल संडे है तो देर तक सोना है न इसलिए आज मिल गई लेट लतीफ सुकून वरना अभी सोई रहती घोड़े बेच कर।
शुभरात्रि मेरी ख़ट्ठी मीठू डायरी और साथ में मेरे पढ़ने वाले पाठकों को भी।
प्यारी सी शुभरात्रि सुकून के तरफ से
सुकून