कठोपनिषद में युवा उसे बताया गया है, जिनकी ऊर्जा अक्षुण्ण, यश अक्षय, जीवन अंतहीन, प्राकर्म अपराजेय, आस्था अडिग और संकल्प अटल होता है। युवा किसी भी देश के प्राण तत्व, उसकी गति, स्फूर्ति, चेतना और ओज होत
अगर भारत के युवा की आज बात करे तो भारत का युवा आज खोखला होता जा रहा है जिसके मुख्य कारण है कॉलेज इत्यादि में नशे का व्यापार अनुशासनहीनता,अपनी संस्कृति को ना जानना धर्म से दूर चले जाना, हर उस चीज का है
प्रिय सखी ।कैसी हो ।हम अच्छे हैं ।कल ही डायरी प्रतियोगिता का रिजल्ट आया ।उसमें हमारा भी नाम है । अच्छा लगा । शब्द टीम को एक बार फिर से धन्यवाद।आज का विषय:- भारतीय युवाभारत देश की रीढ़ की हड्डी युवा वर्
मैंने देखा है युवाओं को तैयारी करते,स्वर्णिम सपने लिए गाँव से शहर जाते,अपने भविष्य निर्माण के लिए ,अपनों और घर से दूर हो जाते।दिन रात पढ़ते हैं,खूब मेहनत करते हैं,रात रात भर किताबों में सर खपाते हैं,और
भारत में इस समय युवाओं की जनसंख्या का प्रतिशत लगभग 28% है और इस समय भारत के युवा हर क्षेत्र में उन्नति करता था रहा है। चाहे वह देश तकनीक का क्षेत्र, वैज्ञानिक क्षेत्र, मनोरंजन का क्षेत्र हो या शिक्षा