भारत की सोंधी-मिट्टी,
हम सब का श्रृंगार है,
हम सब देशवासियों का
यह सुन्दर संसार है I
नहीं चाहिए हीरे-मोती,
और ना ही चांदी-सोना,
नहीं विदेशी शैया पर
हमें अपनी नींदें खोना,
देश हमारा सिंधु स्वर्ण का,
यही सम्पदा अपार है I
देश की खातिर जीना है
देश की खातिर मरना है
क्या खोया क्या पाया छोडो,
हमें वतन से प्यार है I
भारत की सोंधी मिटटी,
हम सब का श्रृंगार है !