सुन रहे हैं कि पीएम मोदी त्रिपुरा सीएम बिप्लब देब को बुलावा भेज दिए. न्योता काटने नहीं डाटने के लिए. उनके ऊल जलूल बयानों से तंग आकर. पता नहीं ये खबर कितनी सच है लेकिन इसमें तो कोई शक नहीं कि सीएम साब ने भी पिछले हफ्ते अच्छा एंटरटेन किया. बिना एक्को दिन छुट्टी लिये हो बयान देते हैं. लेकिन उनके बयानों को तोड़ मरोड़कर पेश किया जाता है. जैसे उनका लेटेस्ट बयान जिसमें उन्होंने कहा था कि सरकारी नौकरी के लिए नेताओं के पीछे मत भागो पान की दुकान खोलो. उसके पहले गाय पालने की सलाह दी थी. लेकिन लोग ट्रोल करने लगे. अगर सिर्फ पान वाले बयान पर कन्संट्रेट करें तो इत्ते फायदे होंगे कि देश की इकॉनमी बूम कर जाएगी.
1. जी हुजूरी से मुक्ति
ये वाला प्वाइंट तो खुद सीएम साब ने बता दिया था. कि सरकारी नौकरी के लिए नेताओं के चक्कर लगाने पड़ते हैं. अगर सरकारी नौकरी का मोह त्याग दो तो उनके पीछे पीछे नहीं भागना पड़ेगा.
2. रोजगारों की बाढ़
एक पान की दुकान खोलने से पान पत्ता, सुपारी, चूना, कत्था बनाने-उगाने से लेकर उसे पान की दुकान तक पहुंचाने वालों को रोजगार मिलेगा. पान मसाले का प्रचार तो जेम्स बॉन्ड तक करते हैं यानी देश का आदमी विदेशियों को भी रोजगार देने की औकात रखता है.
3. स्वच्छ भारत अभियान में योगदान
लोग पान की दुकान खोलेंगे तो वहां पान खाने वाले आएंगे. पान खाने वाले आएंगे और पान थूकने जाएंगे. जहां जहां थूकेंगे वहां गंदगी होगी. उसे साफ किया जाएगा तो स्वच्छ भारत अभियान पूरा होगा.
4. अर्थव्यवस्था में सुधार
दुकान का काम मेहनत वाला होता है. सरकारी नौकरी की तरह 3 घंटे लंच करने वाला नहीं. कभी कभी मैंने देखा है कि पान का दुकानदार खाना खा रहा होता है लेकिन ग्राहक को पान देने के लिए खाने के बीच उठकर हाथ धोता है. पान लगाकर देता है और फिर खाता है. इतने कर्तव्यनिष्ठ लोग अगर काम पर लग जाएंगे तो इकॉनमी बड़ी होकर फट पड़ेगी.
5. सबसे अच्छे संबंध
जिसकी पान की दुकान होती है उसका सारी दुनिया से अच्छा व्यवहार होता है. अगर उसका 5 रुपया भी किसी के पास उधार है तो वो महाजन हो जाता है. सारे अड़ोसी पड़ोसी उसके कर्जदार हो जाते हैं.
एक काम करने से इतने फायदे होते हैं. लेकिन त्रिपुरा सीएम बिप्लब देब को थैंक्यू कहने की बजाय लोग उनकी टांग खींच रहे हैं. शर्मनाक.