बकर पुराण हर उस बैचलर लड़के की ज़िंदगी की किताब है जो घर छोड़कर दिल्ली जैसे शहरों में पढ़ने आता है और फिर उन शहरों का हिस्सा हो जाता है । इसके पन्नों पर हर उस लड़के की कहानी है जिसने कभी प्रेम किया हो, मूर्खता की हो, चाय की दुकान पर भारत की विदेश नीति पर परिचर्चा की हो । बकर पुराण बैचलर लौंडो का इतिहास, वर्तमान और न बदलने वाला भविष्य है । इसकी भाषा और शैली वही है जो बैचलर के कमरे में होती है, कोई सजावट या अभिजात्यता का ढोंग नहीं है । जो है बस वही है ।
0 फ़ॉलोअर्स
4 किताबें