shabd-logo

चल

hindi articles, stories and books related to chal


मापनी- 2222 2222 2212 121, मुखडा समान्त- अर, पदांत- आस"गीत" चल री सजनी दीपक लेकर भर दे डगर उजासआगे-आगे दिन चलता है अवनी नजर आकाशगिन दश दिन तक राम लड़े थे रावण हुआ निढ़ालबीस दिनों के बाद अयोध्या दीपक पहर प्रकाश....चल री सजनी दीपक लेकर भर दे डगर उजासलंका जलती रही धधककर अंगद का बहुमानबानर सेना विजय पुकार

हवा के थपेड़े बस्ती उजाडेंगे जो खुद बिगड़े हैं हमें सुधारेंगे, जिनपे आज तक एक चिराग नहीं संभला वो अब पूरा आफ़ताब संभालेंगे । हम घूट नही ओक से पीते हैं, दो घूट पिलाक़े हमे बिगाड़ेंगे। हम रोटी नही गोली से पेट भरते हैं, देखते हैं हमको कैसे संभालेंगे? जब्त हो चुकी सारी दुनियावी ताकतें, अब अपनी जेबों

संबंधित टैग्स

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए