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छल

9 अप्रैल 2023

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                         छल                                               सन्नी और साहिल दो जिगरी दोस्त थे  उनकी दोस्ती भी  ऐसी थी  के मुहल्ले में इनकी दोस्ती की मिसाल दी जाती थी, जहां देखो चाहे घर हो , मुहल्ला हो, बाजार हो मैदान हो ,हर जगह यह दोनों जोड़े के रूप में  ही नजर आते थे और ऐसी दोस्ती इनकी बचपन से ही थी ,अगर इन्हें लंगोटिया यार कहा जाए तो यह इनकी दोस्ती पर सटीक बैठता है,दोनों के बीच कोई रिश्तेदारी तो नहीं थी पर इनके घर के लोग खास अवसरों पर जैसे त्यौहार, शादी वगैरह में एक-दूसरे के यहां आते जाते रहते थे। दोनों दोस्तों की पढ़ाई मैट्रिक तक तो  साथ साथ चली पर मैट्रिक में सन्नी  के फेल होने और उसके पिता की आकस्मिक मृत्यु के कारण वह आगे की पढ़ाई न कर सका ।पिता की अचानक हुई मौत कारण उस पर एकदम से अपने परिवार के लालन पोषण का बोझ आन पड़ा था पर अभी उसकी उम्र ही क्या थी यही पन्द्रह सोलह वर्ष इसी छोटी उम्र में उसने अपने परिवार की सारी जिम्मेदारी उठानी पढ़ रही थी उसकी एक बड़ी बहन भी थी पर बाप ने अपनी जिंदगी में ही  कम उम्र में उसकी शादी नाते रिश्तेदारों से कर्ज लेकर कर दी थी और वह अपने ससुराल में खुश थी अब सन्नी के परिवार में उसके बाप के मरने के बाद कुल तीन जन थे सन्नी  की मां और उसका छोटा भाई सोनो जिसकी जिम्मेदारी सन्नी के कंधो पर थी उसके परिवार  का एकमात्र आर्थिक सहारा स्टेशन रोड में एक टायर की दुकान की आमदनी थी जो उसके पिता ने बीस पच्चीस सालों से सड़क के धूल, धुआं से अपने कलेजे को छलनी कर टिकाए रखी थी पर जिंदगी की कशमकश को झेलते झेलते अंदरूनी तौर पर  उसके फेफ़डे बिल्कुल खोखले हो चुके थे और एक दिन अपनी बीमारियों से जूझते जूझते मौत के बेरहम पंजों ने उसके फेफड़ों  को निचोड़ कर उसकी रूह को उसके जिस्म से हमेशा हमेशा के लिए आजाद कर दिया। ना मसाएब हालात ने सन्नी के नाजुक कंधों पर परिवार के लालन पोषण की  भारी जिम्मेदारी डाल दी थी और वह कच्ची उम्र में ही जिंदगी के दांव पेंच में महारत हासिल करने लगा था। परिवार की जिम्मेदारी का बोझ सन्नी  के कंधों पर एकाएक अा जाने से वह थोड़ा घबरा गया था, पर कहा जाता है वक़्त बड़ा मरहम होता है गुजरते वक़्त के साथ ही उसके ज़ख़्म भी भर गए। बाप ने तो ज़िन्दगी भर बहुत ईमानदारी और मेहनत से जो मिला उसी पर ऊपर वाले का शुक्र अदा किया और अपने परिवार का पालन पोषण किया पर बाप के मरने के बाद  ही दुकान की पूरी ज़िम्मेदारी उसके अकेले हाथ में अा चुकी थी कुछ दिन ईमानदारी से काम करने के बाद जब उसे मन मुताबिक आमदनी नहीं हुई तो उसने अपने दुकान से दो नंबरी काम चालू कर दिया यह कुछ उसकी ग़लत सोहबत का भी असर था और कुछ ही महीनों में उसकी आमदनी बहुत बढ़ गई थी इसी क्रम में उसकी दोस्ती शहर के दबंग लोगों से भी हो गई और उसने अब अपने धंधे का दायरा  भी बढ़ा दिया अब उसकी दुकान सट्टेबाजी, जुआ, ड्रग स्मगलिंग, ज़मीन की खरीद फरोख्त लोहा, कोयला से जुड़े अवैध कारोबार का अड्डा बन चुका था धंधा दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की करने लगा और उस दबंग आदमी के जितने भी गैर कानूनी कारोबार थे जिसमें उसका पैसा लगा हुआ था का कारोबार भी उसी जगह से अब होने लगा था ,वह जगह अब उसके कारोबार का मुख्य केंद्र बन चुकी थी शहर के सबसे कुख्यात गुंडे से उसकी दोस्ती उसके जीवन में पैसों की बरसात लेकर आई  थी और वह दबंग उसके दुकान से ही सारे दो नंबरी काम अंजाम देता था उसने सन्नी को अपना बिजनेस पार्टनर बना लिया था और उसे ज़रुरत पड़ने पर  मुंह मांगा पैसा देता था सन्नी जब भी उसके सामने अपनी जरुरत के हिसाब से पैसे की डिमांड करता था उसे  तुरंत मुंह मांगे पैसे मिल जाते थे पैसे की  अचानक आयी बढ़ोत्तरी से उसने  चंद सालों में ही अपनी दुकान  की काया पलट कर दी थी और एक फ्लैट भी खरीद लिया था अब वह टायर दुकान अपना रूप बदल कर एक ऑफिस का रूप ले चुकी थी जिसमें सारी सुख सुविधा मौजूद थी एसी, एल ई डी टीवी से लेकर  आर आे के पानी तक सब उस ऑफिस में मौजूद था।  उस गुंडे के कारोबार का सारा हिसाब किताब सन्नी ही संभाला करता था लाखों का टर्न ओवर था उस गुंडे का महीने का और सन्नी ने अपनी मेहनत से उसका दिल भी जीत लिया था ।मुश्किल हालात के थपेड़ों और एक वक़्त एक एक पैसे के लिए मोहताज रहने वाला सन्नी अब पैसों से खेल रहा था ,अचानक आए पैसों की फरावानी ने उसके सोचने समझने का ढंग ही बदल  दिया था अब पैसा ही उसके लिए सब कुछ था दुनिया की सारी खुशियां ऐसो आराम सुख सुविधा  पैसों की बदौलत ही खरीदी जा सकती है पैसा है तो सब कुछ है अब यही उसकी जिंदगी का उसूल बन चुका था ।                                      दूसरी तरफ साहिल ने भी जैसे तैसे जुगाड़ तूगाड़ लगाकर स्नातक तक की पढ़ाई पूरी कर ली बड़े भाई के इंजीनियर हो जाने के कारण उसे कोई आर्थिक परेशानी नहीं झेलनी पड़ी इसी बीच उसकी एक बहन की शादी दिल्ली में हो गई जहां उसके जीजा जी का अपना घर और अच्छी नौकरी  थी खर्च के नाम पर सिर्फ दो जनों का खर्च था इधर सन्नी और साहिल की आवारागर्दी और लड़कियो को छेड़ने के झगड़े के कारण कई बार बहुत भयानक लड़ाई हो चुकी थी और वह दोनों  जेल जाते जाते बचे थे  इन्हीं सब चीजों से तंग आकर साहिल के मां-बाप ने उसे ,उसकी बहन के पास दिल्ली भेज दिया लगभग एक डेढ़ साल तक अपने जीजा जी के यहां मुफ्त की रोटी तोड़ने  के बाद एक कॉल सेंटर में उसे जॉब मिल गया यहां उसके रहने और खाने का पूरा पैसा बच जाने के कारण उसकी पूरी सैलरी उसके बैंक अकाउंट की शोभा बढ़ा रही थी इतना सब होने पर भी दोनों की दोस्ती कायम थी दोनों दोस्तों के बीच बातचीत मोबाइल के द्वारा होती ही रहती थी इनके बात के विषय का केंद्र बिंदु आज भी पहले ही की तरह लड़की ही होती थी किस को पटाया, कैसे पटाया दिखने में कैसी है माल टंच है कि नहीं उड़ाया कि नहीं इन्हीं विषयों के इर्द-गिर्द उनकी बात का ताना-बाना बुना जाता था सन्नी शुरू से ही दिल फेंक किस्म का लड़का था शुरू के मुश्किल हालात में तो उसने अपने अरमानों को कुचला  पर आमदनी के बढ़ते ही उसके बुझते अरमानों से चिंगारियां सी उठने लगी स्टेशन रोड में उसके ऑफिस का होना जहां सारी बुराइयां परवान चढ़ती हैं आग में घी का काम किया हालात से जूझने का तजुर्बा जवानी का जोश अच्छी सकल सूरत अच्छी कद काठी बातों से फसाने मैं माहिर और पैसों की फरावनी  ने उसे इस खेल का माहिर खिलाड़ी बना दिया था जो लड़की उसके झांसे में एक बार आ जाती थी वह उसके चंगुल से नहीं निकल पाती थी वह अपनी लच्छेदार बातों में किसी तरह उलझा कर उसे अपने जाल में फंसा ही लेता था और अपना काम निकाल कर लात मार देता था खाली वक्त में यही उसका असली मसगला था वह एक शातिर खिलाड़ी की तरह अपने काम को अंजाम देता था जहां चूक की बहुत कम गुंजाइश रहती थी औरत उसके लिए सिर्फ हवस मिटाने की एक वस्तु बन गई थी जिसे पैसा और शातिराना चाल के द्वारा काबू में किया जा सकता था वक्त के साथ-साथ उसका टेस्ट भी बदलता रहता था  उसे हर दिन तीन चार महीने पर अपनी जिस्मानी हवस बुझाने के लिए नए जिस्म की जरूरत होती थी वक्त बीतने के साथ-साथ उसे  लड़की पटाने का काफी तजुर्बा भी   हो चुका था वह लड़कियों की मानसिकता से भी काफी परिचित हो चुका था ।                                                   सन्नी और साहिल दोनों दोस्तों में दूरी होने के कारण इन दोनों की मुलाकातें किसी खास अवसर या त्योहारों पर ही हो पाती थीं इस बार भी जब दोनों दोस्त त्यौहार पर मिले तो सन्नी  ने साहिल को अपने  नए शिकार संजना नाम की लड़की के बारे में बताया जिसकी शादी लगभग बीस या इक्कीस दिनों के बाद होने वाली थी पर लाख कोशिशों के बाद भी सन्नी उस लड़की को अपने चंगुल में फसाने  में कामयाब नहीं हो पा रहा था उसके सारे दांवपेच विफल हो रहे थे वक्त गुजरने के साथ-साथ उसकी बेचैनी भी बढ़ती जा रही थी क्यों कि कुछ ही दिनों में उसकी शादी एक एनआरआई से होने वाली थी और वह अमेरिका जाने वाली थी इसी बात पर साहिल चुटकी लेते हुए सन्नी से कहता है।                             सन्नी,साहिल से पूछता है "अबे, उसका फोटो तो अभी तक  दिखाया नहीं और खाली झुटो मुठो का फोन पर भांज रहा था के इतना जबरदस्त माल है के देखेगा  तो मुंह में पानी आ जाएगा"।                                          सन्नी ने जवाब दिया "अबे, तुम को मेरा बात पर यकीन  नहीं  हो रहा है न। ले अभी दिखाते हैं उसका फोटो "और वह  अपना मोबाइल निकाल कर संजना का  फोटो उसे दिखाता है।                                    संजना का फोटो देखते ही साहिल के मुंह फटा का फटा रह जाता है वह बोलता है  "वाह, क्या ज़बरदस्त माल पटाया है भाई  कहां से तेको मिल जाती है ऐसी ऐसी मस्त लड़की  कैसे पटाया बे इसको हम को दे दे यार जितना मांगेगा उतना माल खर्चा करेंगे  क्या जबरदस्त माल है भाई"               सन्नी उसका जवाब सुनकर हंसता है फिर कहता है "आ गया न बेटा मुंह में पानी एक साल से इसके पीछे थे बड़ी मुश्किल से पटी है साली तीन महीने पहले से तो इससे बात चीत सुरो हुआ और किस्मते का बात है के इसका रिश्ता लग गया  और रिश्ता भी आया है तो अमेरिका से लड़का साला, इसको एक बार ही देख के फेदा हो गया और एक हफ्ते मैं शादी का डेट फाइनल हो गया  और अब बीस, इक्कीस दिन बाद इसकी शादी होने वाली है। टाइमे नहीं दिहिस ई लौंडिया हमको नहीं तो ऐसा कभी होता है के मेरा चंगुल में आने के बाद लड़की हाथ से  निकल जाए  साला, अभी तक एगो किसो नहीं मिला हैं और खर्चा पचासों हज़ार से ज़्यादा का करवा  चुकी है ई लड़की से सच मुच हम को प्यार हो गया था यार पर किस्मते का बात है साली मौका नहीं दे रही है फ़िर भी मेरा नाम भी सन्नी है ई बीस दिन के अंदर इसको उड़ा देंगे"                                 साहिल अजीब सा मुंह बनाता है और कहता है" अबे ,ई लड़की अब तेरे हाथ में आने वाली नहीं, अब ई चिड़िया निकल गई तेरे हाथ से,अब तो ई गई सात समुंदर पार , तुम इसको उड़ाने मैं देर कर दिया यार, खूब दुही है तुमको, खूब मोटरसाइकिल पर बैठा बैठा के कॉलेज पहूचाया है , रेस्टोरेंट और शॉपिंग के नाम पर खूब तेरा पैसा पर गुल छर्रा उड़ाई है , अपना काम निकाल के तेको ढेंगा दिखा के निकल गई "                          साहिल की यह बात साहिल को बुरी लगती है वह साहिल वको गौर से देखता है और जवाब देता है"अबे ,मैंने तो अपनी जिंदगी तो जी ली एक से एक हीरोइन टाइप लड़की  लोग को पटाया ,उड़ाया तुम दिल्ली में रहकर भी कुछ उखाड़ नहीं सका यह सब तेरे बस की बात नहीं तुम रह गया एक दम लेल्हा का लेलहा आज तक कोई लड़की पटी है बे तुमसे"                                 सन्नी की यह बात साहिल को  तीर की तरह लगती है और वह तिलमिला उठता है और गुस्से में साहिल को जवाब देता है"अबे, तुम अपने आप को बहुत बड़ा छोकरी बाज बनता है छिनाल ,टाइप की लड़की लोग को पटाकर बहुत बड़ा जेम्स बॉन्ड की औलाद बन रहा है"                                       सन्नी हंसते हुए उसके गुस्से को काबू में करता है और बोलता है " अरे, तुम गुस्सा हो गया यार, अरे,हम मजाक कर रहे थे ना तुम भी एकदम हर बात को सीरियस ले लेता है कसम से मजाक कर रहे थे मां कसम"                                        साहिल का गुस्सा थोड़ा ठंडा होता है और वह जवाब देता है" हमको ,इस तरह का मजाक बिल्कुल पसंद नहीं है मजाक मजाक के जैसा करो ,इस तरह का मजाक मत करना नहीं तो अच्छा नहीं होगा बता दे रहे हैं तुमको हम"                               सन्नी उसे मनाते हुए कहता है"अबे, गुस्सा थूक दे यार काहे को बात का बतंगड़ बना रहा है , चल तेरा मूड फ्रेश करते हैं चल बीग बाजार चल,   कुछ खा पी कर आते हैं"                                              साहिल का गुस्सा थोड़ा ठंडा होता है दोनों बाइक पर बैठते हैं और बिग बाजार की ओर चल देते हैं बिग बाजार पहुंचकर साहिल फिर उस टॉपिक को छेड़ देता है सन्नी से साहिल कहता  है" चाहे, तुम कुछ भी करले अब ओ लड़की तेरे हाथ में आने वाली नहीं है अभी भी हम कह रहे हैं उस लड़की को अपना दिमाग से निकाल दे, अब आे लड़की पर पैसा झोंकना बंद कर दे अब कोई फायदा नहीं अब ओ तेरे हाथ से निकल चुकी है ,भूल जा उसको बहुत चालाक चीज है ओ "                        सन्नी ने जवाब दिया"अबे,इतना कच्चा खिलाड़ी समझा है हमको अरे ,इसको हम जब चाहे तब उड़ा दें बस सही वक्त का इंतजार कर रहे हैं जल्दबाजी में सब काम गड़बड़ ना हो जाए तेरे ,लिए भी एक जबरदस्त सरप्राइज़ है"                                साहिल, सन्नी से कहता है" तुम ,हमको खाली बेवकूफ बना रहा है अब का खाक भाव देगी ओ लड़की तुमको जिसका बीस,, पच्चीस दिन बाद जिस लड़की का शादी है, अभी तो ओ अपना होने वाला पति का ही सपना मैं डूबी होगी, खाली तुम हम को हवा पानी दे रहा है तेरा रिश्ता भी उससे खत्म हो चुका है वह तुम को लात मार के निकल चुकी है आज तक कभी उससे बात भी करवाया है हमको खाली भांज रहा है"                               सन्नी,साहिल को जवाब देता है"तुम को यकीन नहीं हो रहा है न देख तेरे सामने ही कॉल करते हैं"और  वह संजना को कॉल लगाने लगता है और स्पीकर ऑन कर देता है संजना कॉल रिसीव करती है।                                  साहिल ने संजना से पूछा"संजना,मैं तुमसे आखिरी बार पूछ रहा हूं तुम मुझसे शादी करोगी कि नहीं                               संजना ने जवाब दिया"देखो, साहिल मेरी बात समझने की कोशिश करो मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूं और जहां तक शादी का सवाल है मैं शादी नहीं कर सकती मेरी मजबूरी समझने की कोशिश करो ,अब मेरी शादी में सिर्फ बीस, पच्चीस दिन ही बचे हैं  और अब मैं चाह कर भी मैं कुछ नहीं कर सकती ,मैंने  तुम्हें बहुत मौका दिया के कोई  ढंग का काम करो जिससे भविष्य में हम एक अच्छी और खुशहाल जिंदगी गुजार सकें समाज में हमारा एक रुतबा हो मैंने, तुम्हें कितनी बार कहा कि तुम अपना बिजनेस चेंज करो, गुंडे मावालियू से अपनी दोस्ती खत्म करो और कोई ढंग का काम करो जिस से समाज में हमारी इज्जत हो एक रुतबा हो के हम एक  सकून  भरी ज़िन्दगी गुज़ार सकूं पर तुम ने  मेरी हर बात को मजाक में उड़ा दिया मैंने अपने पापा से भी तुम्हारे बारे में कितनी बार  बात की , उन्हें मनाने की बहुत कोशिश की पर वह तैयार नहीं हुए उन्हें तो बस अपने स्टेटस की फिक्र है अब कुछ दिन बाद मेरी शादी होने वाली है ,मुझे भूलने की कोशिश करो"                   सन्नी, संजना से कहता है"नहीं, मैं तुम्हें कभी नहीं भुला सकता मैंने तुम्हें भूलने की बहुत कोशिश की पर मैं चाह कर भी तुम्हें  भुला नहीं पा रहा हूं संजना ,मैं तुम्हें बहुत खुश रखूंगा खूब मेहनत करूंगा तुम्हारी सारी ख्वाहिशें पूरी करूंगा अगर तुम मेरा  साथ दोगी तो मैं दुनिया की सारी खुशियां तुम्हारे कदमों में ला कर रख दूंगा"                          संजना का जवाब आता है"देखो , सन्नी अब यह सब बोलने से  कोई फायदा नहीं अब वक़्त निकल चुका है दुनिया में हर कुछ पैसा ही नहीं होता है समाज में अपनी एक इज्जत और पहचान बनाना बहुत ज़रूरी होता  है,पैसा कम हो पर जिंदगी मैं दिमागी सकून हो तुम्हारा गलत लोगों के साथ उठना बैठना है जो मुझे बिल्कुल पसंद नहीं है, मैंने तुम्हे कितनी बार कहा के इन लोगों का साथ छोड़ो किसी ना किसी दिन ये लोग तुम्हें बहुत बुरी तरह किसी बड़ी मुसीबत मैं भंसा देंगे यह लोग सिर्फ तुम्हारा इस्तेमाल कर रहे हैं ये लोग सिर्फ अपना काम निकालने के लिए तुम्हारे भविष्य के साथ खेल रहे हैं ये लोग कभी किसी के दोस्त नहीं हो सकते। तुम अपनी मम्मी और छोटे भाई के बारे में भी सोचो अगर तुम्हें कुछ हो गया तो उनका क्या होगा। उन्हें कौन संभालेगा"                                       सन्नी, संजना से कहता है" मैं तुम्हारी कसम खाता हूं संजना मैं यह सब धंधा अब छोड़ दूंगा तुम मुझे सिर्फ एक बार आखरी मौका दे दो मुझे"                                        संजना, सन्नी को जवाब देती है"ये वादा तुम मुझ से कई बार कर चुके हो ,पर तुमने हर बार अपना किया हुआ वादा तोड़ा है। और अब तो मेरी कुछ दिन बाद शादी होने वाली है। अब यह सब बात करने से क्या फायदा।
मेरी जिस लड़के से शादी होने वाली है वह एक कंप्यूटर इंजिनियर है समाज में उसका एक स्टेटस है इज्जत है वह अच्छा खासा कमाता है कि मुझे दुनिया की सारी खुशियां दे सकता है इज्ज़त के साथ, मेरा और मेरे आने वाली नसल का भविष्य  उसके हाथों में सुरक्षित है  शादी के कुछ  दिन बाद ही हम लोग अमेरिका चले जाएंगे जो मेरा बचपन से एक सपना था सिर्फ प्यार की बातें करने से ही थोड़े ही सपने पूरे हो जाते हैं सपने पूरा करने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है मैंने तुम्हें हमेशा  समझाया के वक्त बहुत कम है कुछ ढंग का काम करो जिससे हमलोग एक पुरसकून ज़िदंगी जी सकें पर तुमने मेरी किसी बात को कभी सीरियसली लिया ही नहीं मेरी हर बात को मजाक मैं उड़ा दिया, हकीकत का सामना करो यह जीवन फूलों का बिस्तर नहीं है। सिर्फ अपने बारे में नही अपने आने वाली9 नस्लों के बारे में भी सोचो तुम उन्हें कैसा भविष्य दे कर जाओगे"।                                        सन्नी ने सोचा था कि वह अपने दोस्त पर अपना रोब जमाएगा पर यहां तो मामला ही उल्टा हो गया था संजना तो उसे पूरा जिंदगी जीने का फलसफा ही सुनाने पर तुली थी उसका एक एक लफ्ज़ उसके दिल में तीर की तरह चुभ रहा था और साहिल की मंद मंद मुस्कान आग में घी का काम कर रही थी इन सभी उलझनों के साथ-साथ उसका सातिराना  दिमाग भी नई-नई तरकीबें खोजने में लगा हुआ था           सन्नी झुंजलाते हुए संजना को जवाब देता है" तुमने ,मुझे धोखा दिया है जब तक तुम्हें मेरी जरूरत थी तुमने मेरा इस्तेमाल किया आज तुम्हारा काम निकल गया है तो  तुम आज मुझसे अपना पीछा छुड़ाने के नए नए बहाने ढूंढ रही हो और अपने होने वाले पति की बखान मेरे सामने कर रही हो  जिसे तुम ठीक से जानती तक नही । मैं जानता हुं तुम जैसी लड़कियों की फितरत कितना पैसा दिया है तुम्हारे पति परमेश्वर ने तुम्हें अपनी दलाली करवाने का अगर प्यार ही नहीं था तो पहले ही बोल देती तुम्हारे पीछे कम से कम इतना वक्त तो नहीं गंवाता तुमने तो मुझे कहीं का नहीं छोड़ा है, जब में इतना ही बुरा था तो मुझ पहले ही बोल देती मैं तुम्हारी जिंदगी से चला जाता तुमने तो मुझे मझदार में लाकर छोड़ दिया है, अब तो सिर्फ मेरे पास जान देने के सिवा कोई रास्ता ही नहीं बचा है और तुम्हें यह सब ढकोसला करने की कोई जरूरत नहीं है हकीकत तो यह है कि तुमने मुझे कभी प्यार ही नहीं किया बस अपना काम निकालने के लिए मेरा इस्तेमाल किया है"              संजना जवाब देती है "देखो, सन्नी जहां तक चाहने का सवाल है मैं सिर्फ तुम्हें चाहती हूं और जीवन भर तुम्हें ही चाहती रहूंगी मैंने सिर्फ तुमसे प्यार किया है मैंने इस रिश्ते को कामयाब करने की पूरी कोशिश की  पर तुमने हमेशा मेरी बातों ,सुझावों के  उल्टे सीधे तर्क देकर मजाक में उड़ा दिया ।अब पुरानी, गुज़र चुकी सब बातों पर बहस करने से कोई फायदा नहीं वक्त हाथ से निकल चुका है मेरी बात को ठीक से समझने की कोशिश करो जज्बात में आकर कोई उल्टी-सीधी हरकत मत करना अपने आप को कोई नुकसान पहुंचाने की कोशिश मत करना तुम्हें मेरी कसम"                          सन्नी, संजना से कहता है"अब क्यों फिक्र हो रही है मेरी जब सब कुछ खत्म ही हो चुका है तो, जियो अपनी ज़िन्दगी मेरी फिक्र करने की अब तुम्हें कोई ज़रुरत नहीं है और तुम अपनी इन फिलोस्फिकल बातों से किसी और को बेवकूफ बनाना मै तुम्हारी बातों में आने वाला नहीं हकिकत ये है के तुमने मुझे कहीं का नहीं छोड़ा है तुम मेरे दिमागी हालत को नहीं समझ पा रही हो मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा है मैं क्या करूं क्या नहीं करूं अगर तुम मुझे नहीं मिली तो मेरे पास अपने आप को खत्म करने के सिवा कोई रास्ता नहीं  बचा है मैं अपनी जान दे दूंगा, तब तुम्हारे कलेजे को ठंडक पड़ जाएगी"                          संजना घबराकर कहती है"सन्नी,तुम ऐसा नहीं कर सकते"                              सन्नी, संजना को जवाब देता है"नहीं मैं ऐसा ही करूंगा कल तुम्हें मेरी मौत की खबर मिलेगी"                                        संजना रूहांसा होकर सन्नी से कहती है" सन्नी,मेरी बात को समझने की कोशिश करो पागल मत बनो सन्नी मेरी बात सुनो"।                                              सन्नी उसकी बात को सुनी अनसुनी करते हुए मोबाइल फोन को स्विच ऑफ कर देता है और फिर अपने दोस्त साहिल से मुखातिब होता है।                              सन्नी, साहिल से कहता है"अब, आएगा मजा साली लाइन पर आ ही नहीं रही थी साल भर में अच्छा खासा पैसा झोंक दिया है साली के चक्कर में और हासिल कुछ भी नहीं कुछ दिन बाद ही अपने यार के साथ अमेरिका रफू चक्कर हो जाएगी फिर हाथ मलते रह जाएंगे"।                                         साहिल, सन्नी को बीच में टोकते हुए कहता है"अबे, तेरा तीर एकदम निशाने पर लगा है, देखा नहीं बोला जान दे देंगे तो कैसे एकदम बिलबिला गई" ।                   सन्नी, साहिल को जवाब देता है" अरे, तुम को लगता है कि हम आंसू से घबरा जाएंगे अच्छी-अच्छी लड़की का हेकड़ी निकाल दिए हैं और ई क्या चीज है"।           साहिल , सन्नी से मजाक मैं कहता है"अबे,तुम बहुत कमिना चीज है  अभी तुम ,अपना ड्रामा जारी रख मोबाइल  अपना अभी एकदम स्विच ऑफे रखना एकदम राते में ऑन करना तड़पने दे  थोड़ा साली को"और थोड़ा रुक के फिर पूछता है "अच्छा , ई बताओ कैसे साबित करेगा कि तुम जान देने का कोशिश किया ?                                            सन्नी, साहिल को जवाब देता है"अबे, बहुत पुराना तजुर्बा है कलाई पर पट्टी बांध लेंगे उस पर थोड़ा लाल रंग लगा देंगे और बोल देंगे कि कलाई का नस काट लिया है मेरी जान तेरे इश्क की  बेवफाई में ,आे पट्टी खोलकर थोड़ी ही देखने जा रही है और तुम देखा न हम जान देने का बात किए और वहां  कैसे बेचैनी शुरू हो गया"                साहिल, सन्नी की तरफ़ ऊंगली से एसारा करते हुए कहता है"  अबे,तुम उम्मीद से ज़्यादा   कमीना चीज है कभी नहीं सुधरेगा"।                               सन्नी,साहिल को जवाब देता है" अरे कहावत है न जब घी सीधी उंगली से ना निकले तो ऊंगली थोड़ी टेढ़ी कर लेनी चाहिए। और टाइम भी तो बहुत कम है मेरे पास, और ई कमे टाइम में ही इसे उड़ाना है, शादी के बाद  फिर थोड़े ही हाथ आएगी दर्शन दुर्लभ हो जाएंगे देवी के शादी के बाद सब लड़की पतिवर्ता हो जाती है मोबाइल नंबर भी चेंज कर देती है लाख फोन लगाओ बस स्विच ऑफ ,स्विच ऑफ" साहिल , सन्नी के हां मैं हां मिलाते हुए कहता है "ठीक बोला मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ साली का जो  मोबाइल स्विच ऑफ हुआ तो आज तक फोन ऑन ही नहीं हुआ" इस बात पर दोनों खूब हंसते हैं फिर किसी नए  शिकार की तलाश में निकल पड़ते हैं                                            रात लगभग 12:00 बजे सन्नी  मोबाइल को ऑन करता है ऑन करते ही मोबाइल पर संजना का कॉल आना शुरू हो जाता है सन्नी फोन उठाता है।                        संजना रुहांसे स्वर में पूछती है" तुम, ठीक तो हो ना सन्नी, तुम ने कुछ उल्टी-सीधी हरकत तो नहीं की है ना मैंने सैकड़ों बार तुम्हारे नंबर पर कॉल किया हर बार मोबाइल स्विच ऑफ  मिला"               सन्नी कराहते हुए दर्द भरे लहजे में संजना को जवाब देता  है" मैंने तुम्हारी बेवफाई से तंग आकर आज मैंने अपनी जान देने की कोशिश की  आज तो मुझे किसी तरह मेरे परिवार वालों ने बचा लिया पर आइंदा मुझे नहीं बचा पाएंगे मैं अपनी जिंदगी से अब पूरी तरह ऊब चुका हूं मेरे जीने का मकसद ही खत्म हो चुका है में और जीना नहीं चाहता तुम भी तो यही चाहती हो ना कि सारा झमेला खत्म हो जाए"                                          संजना रोते हुए  सन्नी से कहती है"तुमने मेरे लाख मना करने पर भी ऐसा क्यों किया तुम  मुझे मानसिक रूप से बहुत तकलीफ पहुंचा रहे हो मुझ पर क्या गुजर रही है ये सिर्फ में ही जानती हूं इस दर्द को तुम कभी समझ नहीं सकते। अब मैं  क्या करूं मेरे पापा कभी तैयार नहीं होंगे उन्होंने मुझे धमकी दे रखी है अगर तुमने कोई भी खानदान को कलंक लगाने वाली हरकत की तो मैं जहर खा कर मर जाऊंगा।मेरे पापा बहुत सख्त मिजाज़ और ज़िद्दी हैं वह एक बार जो चीज़ ठान लेते हैं उसको कर के छोड़ते हैं, तुम नहीं जानते उन्हें मनाने  के लिए मैंने क्या नहीं किया पर वह नहीं माने अगर तुम मुझसे सच्चा प्यार करते हो तो तुम्हे  मेरी कसम अपने आप को और नुकसान मत पहुंचाना "                     सन्नी भी रूहांसे स्वर में उसे जवाब देता है" तुम्हें मेरी कोई फिक्र नहीं संजना तुम सिर्फ ड्रामा कर रही हो मैं तुमसे जितना प्यार करता हूं उसकी तुम कल्पना भी नहीं कर सकती पर तुम मुझसे प्यार नहीं करती तुम सिर्फ झूठ बोलती हो "।                      संजना रोते हुए सन्नी को जवाब देती है" नहीं मैं झूठ नहीं बोलती मैं यह शादी  बहुत मजबूरी में कर रही हूं मेरे पास कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा है हालात ने मुझे बहुत मजबूर कर दिया है मैं चाह कर भी कुछ कर नहीं सकती अगर तुम कहो तो मैं अपनी जान दे सकती हूं"                    सन्नी, संजना की बात को काटते हुए कहता है"नहीं, नहीं ऐसा कभी मत करना नहीं तो मैं जीते जी मर जाऊंगा, संजना सच सच बताना तुम, मुझसे कितना प्यार करती हो "        संजना प्रेम भरे अंदाज़ में सन्नी से कहती है " खुद से भी ज्यादा मैं तुम्हें चाहती हूं, पर मैं हालात के आगे मजबूर हो चुकी हूं तुम समझते नहीं हो ना मेरी बड़ी बहन की  शादी भी अरेंज मैरिज  ही हुई थी वह भी किसी से प्यार करती थी पर शादी नहीं कर सकी उनकी हालात भी हमारी ही जैसी थी"।                                                सन्नी उससे सवाल करता है"क्या तुम मेरे साथ भाग सकती हो ?                      संजना उसका जवाब देती है"नहीं, मैं भाग कर शादी नहीं कर सकती , ऐसी शादी से मेरे  मम्मी पापा मुझे कभी माफ नहीं करेंगे और अपनी जान दे देंगे,मेरी मजबूरी समझने की कोशिश करो सन्नी"            अब तक सन्नी को सारे दांव खाली जाते हैं तो वह अब अपना आखिरी दांव चलता है।                                 सन्नी बहुत प्रेम भरे अंदाज़ में संजना से पूछता है"अगर मैं तुमसे कुछ मांगू तो तुम दोगी , मुझे"                                  संजना चौंक कर कहती है "क्या चाहिए तुम्हें, मैं तुम्हारे लिए अपनी जान तक दे सकती हूं"        सन्नी पूरे रोमांटिक अंदाज में उससे कहता है"कुछ ऐसी बातें कुछ ऐसी यादें जिनके सहारे मैं बाकी जिंदगी जी सकूं और कह सकूं कि मेरा महबूब बेवफा नहीं था"।                                             संजना ताजुब वाले लहज़े में"मैं तुम्हारा मतलब नहीं समझी" ।                        सन्नी पूरे रोमेंटिक मूड में संजना से कहता है"  मुझे चंद लम्हों के लिए ,मुझे सिर्फ तुम चाहिए, सिर्फ तुम। जहां सिर्फ मैं और तुम हो और कोई ना हो और मैं तुम्हें जी भर के प्यार कर सकूं। और कुछ ऐसी यादें समेट सकूं जिनके सहारे मैं बाकी जिंदगी जी सकूं"                                           संजना चौंक कर कहती है" नहीं, यह   अब नहीं  हो सकता। यह सब अब मुमकिन नहीं है सन्नी"।                                         सन्नी उसे मनाते हुए कहता है " यह मुमकिन है  संजना ,तुम्हारे और हमारे बीच की कुछ ऐसी यादें तुम छोड़ जाओ जिसके सहारे मैं बाकी जिंदगी जी सकूं मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं संजना मैं तुम्हारे बिना मर जाऊंगा संजना"।                       संजना भी उसे प्रेम भरे अंदाज़ में जवाब देती है" मैं भी तुम्हें बहुत चाहती हूं पर यह सब अब मुमकिन नहीं मेरी शादी को सिर्फ बीस दिन बचे हुए हैं अगर किसी ने  हमें देख लिया तो मेरी बहुत बदनामी होगी मैं जीते जी मर जाऊंगी। इसमें बहुत रिस्क है सन्नी"।                                           सन्नी , संजना कोभरोसा दिलाते हुए कहता है"तुम्हें इसकी  चिंता करने की कोई जरूरत नहीं, मैं सारा इंतजाम कर दूंगा तुम बस आ जाओ।                               संजना डरते हुए सन्नी से कहती है" कितना रिस्क है इसमें सन्नी  मैं नहीं आ सकती"                                 सन्नी, संजना को मनाते हुए कहता है" तुम्हें आना होगा वरना कल तुम्हें मेरी मौत की खबर मिलेगी"                                 संजना घबराकर सन्नी से कहती है" नहीं तुम ऐसा नहीं करोगे मैं आने की पूरी कोशिश करूंगी पर वादा नहीं कर सकती" सन्नी को अपने मेहनत रंग लाती नज़र आती है मिशन कामयाब होता हुआ महसूस होता है क्योंकि उसके बिछाए जाल में शिकार फंस चुका था। बस उसे अब उड़ाना बाकी था। वह  मन ही मन अपनी कामयाबी पर हंसता है ।                    आधी रात तक यह सब ड्रामा चलता रहता है फिर दोनों एक दूसरे को आई लव यू और आई लव यू टू बोलते हुए तीन बजे रात  में नींद के आगोश में चले जाते हैं और सुबह का बेसब्री से इंतजार करते हैं सुबह होती है और मिलन की तैयारी शुरू हो जाती है सन्नी तैयार होता है हाथ पर पट्टी बांधी जाती है उस पर थोड़ा लाल रंग लगाया जाता है ताकि सब कुछ थोड़ा रियल लगे और कहीं कोई चूक की गुंजाइश न हो। बाइक को पोंछ पांछकर चका चक किया जाता है यही बाइक तो उसे उसके मंज़िल तक पहुंचने में उसकी मदद करेगी।        इधर भी सन्नी  से मिलने की सारी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं । इसी दरमियान संजना के पापा  की नज़र संजना पर पड़ती है और वह संजना से पूछते हैं कहीं जा रही हो क्या बेटी।                                        संजना थोड़ा डरते हुए जवाब देती है" हां, पापा ग्रेजुएशन का माइग्रेशन सर्टिफिकेट लाना है मैंने एप्लाई कर दिया था, अब तक आ गया होगा"                                            संजना के पापा, संजना से पूछते हैं" मैं, तुम्हें छोड़ दूं क्या?                          संजना, पापा को जवाब देती है" नही, पापा मैं सुनिता के साथ चली जाऊंगी आप चिंता मत कीजिए पापा"।                                    संजना के पापा इत्मीनान हो कर बोलते हैं "ठीक है बेटी जैसा तुम बेहतर समझो, पर जल्दी घर वापस लौटने की कोशिश करना"।                                          संजना अपने पापा को समझाते हुए कहती है" आप चिंता मत कीजिए पापा , मैं दो बजे वाली ट्रेन से ही घर वापस होने कि पूरी कोशिश करूंगी"                                          सबसे बड़ी रुकावट तो पार हो गई और उसे कुछ सुकून आया। उसने मन ही मन सोचा मेरे पापा का मुझ पर कितना विश्वास करते हैं पर आज मैं उनके विश्वास की धज्जियां  उड़ाने जा रही हूं। जब उन्होंने मेरी फीलिंग्स का ख्याल ही नहीं किया तो मैं उनकी फीलिंग्स का खयाल क्यों करूं। मैं अपनी ख्वाहिशों अपनी आरज़ूओं अपनी तमन्नाओं को क्यों दबाओं । इंसान अगर अपनी मर्ज़ी से जी न सका तो क्या जिया । मैं भी नए        जमाने की लड़की हूं जो मेरी मर्जी में आएगा जो मुझे सही लगेगा मैं करूंगी मैं किसी खास तरह की मानसिकता से अपने वजूद को जकड़े नहीं रखना चाहती में इन सब बंधनों से आज़ाद होना चाहती हूं मैं अपनी जिंदगी खुल कर जीना चाहती हूं यही सब सोचते हुए वह थोड़ी डर और हिम्मत के साथ वह घर से निकल जाती है फिर वह चुपचाप रेलवे स्टेशन पहुंचकर सबसे नजरें बचाते हुए टिकट कटा कर ट्रेन में बैठ जाती है थोड़ी देर में ट्रेन अपनी मंजिल की तरफ चल पड़ती है उसके दिमाग में कशमकश का एक तूफान मचा हुआ था क्या अच्छा क्या बुरा उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था उसे तो बस अपने आशिक का चेहरा नज़र आ रहा था जो उसे अपने मज़बूत बाजुओं में जकड़ कर जी भर कर के प्यार कर रहा था वह मन ही मन सोच रही थी आज मैं अपना सब कुछ अपने आशिक के ऊपर  लुटा दूंगी साथ ही उसके मन में कुछ अंदेसे भी पनप रहे थे कि क्या मैं उससे डरती हूं कि शादी के बाद है वह मुझे ब्लैकमेल करेगा या फिर मैं उसके लिए अपना सब कुछ निछावर कर सकती हूं जो मुझे बेइंतहा चाहता है मेरे लिए कुछ भी कर सकता है अपनी जान तक  भी दे सकता है और वह लड़का जिससे मेरी शादी होने वाली है इसे तो मैं ठीक से जानती तक नहीं हूं क्या उसने अपनी जिंदगी में कोई इंजॉय नहीं किया होगा अगर नहीं भी किया होगा तो भी मुझे इसकी कोई परवाह नहीं जिस तरह सब जिंदगी जीते हैं मैं भी जी लूंगी उसने मेरे पापा से पूरे पन्द्रह लाख रुपए नगद भी तो लिए हैं अगर वह मुझे जीवन भर खुश रखता है तो मुझ पर कोई एहसान नहीं करता है वह अपने अनुभव को अपने तर्कों से ढकने की भरपूर कोशिश कर रही थी  जैसे-जैसे मंजिल करीब आती जाती थी उसकी दिल की धड़कनें भी तेज होती जा रही थीं और  वह अपने वजूद को एक चक्रव्यूह में फंसा हुआ पा रही थी।  9    स्टेशन पर गाड़ी रूकती है और वह अपने भारी भारी कदमों से ट्रेन के दरवाजे तक पहुंचती है फिर ट्रेन से उतरती है तभी उसकी नजर अपने आशिक पर पड़ती है बढ़ी हुई दाढ़ी मूछें ,मुरझाया हुआ चेहरा आंखों में दर्द के आंसू और कलाई पर बंधी हुई पट्टी उस पर कुछ ख़ून के धब्बे
 उसे एक बदहवास आशिक की सबीह दे रहे थे उसने एक माहिर एक्टर की तरह पूरी तैयारी कर रखी थी उसको इस हालत में देख कर उसका दिल कचोटने लगा के वह दौड़ कर अपने आशिक के सीने से लिपट जाए उसकी आंखों में आंसू झलक पड़ते हैं उसे उस पर बेपनाह प्यार आने लगता है उसके मन मैं ये भी ख्याल अा रहा है के वह जो कुछ भी कर रही है ही वह चाहे सही हो  या गलत उसको इसका कोई भी मलाल नहीं है वह अपने आशिक पर प्यार भरी भरपूर नज़र डालती है उससे बिना कोई बात किए उसे देख कर अनदेखा करती हुई उसके बगल से निकल जाती है आशिक़ समझ जाता है   कि कहां जाना है स्टेशन से थोड़ी ही दूरी पर एक सन्नाटी जगह थी जहां लोगों का आना जाना बहुत कम था जहां से वह संजना को अक्सर रिसीव किया करता था उसने तेज़ी से अपनी बाइक उस तरफ़ मोड़ दी और चंद मिनटों में ही वहां पहुंच कर उसका इंतेज़ार करने लगा उसे चंद मिनटों का इंतेज़ार भी बहुत लंबा मालूम दे रहा था उसने अपने पॉकेट से सीक्रेट का डब्बा निकाल कर उसमे से सीक्रेट निकाली और उसे लाइटर से सुलगाया और सीक्रेट की कश लगाकर उसके धूवैं को आसमान की तरफ उड़ाने लगा तथा मन ही मन सोचने लगा के वह भी क्या चीज़ है जिस चीज़ पर एक बार नज़र गड़ा दी तो फ़िर दुनिया कि कोई ताकत उसे उस के चंगुल से छुड़ा नहीं सकती और उसके दिमाग में तरह तरह के शैतानी मंसूबे कुलाबे मारने लगे। तभी दूर से संजना उसकी तरह आती दिखाई दी और उसके चेहरे पर अपनी कामयाबी की एक शैतानी मुस्कुराहट उसके होठों पे  फैल गई।उसने अपनी बाइक स्टार्ट की और संजना की ओर आहिस्ता आहिस्ता बढ़ने लगा और उसके करीब जाकर अपनी बाइक रोक दी और वह भी बिना कुछ बोले उसके बाइक पर  उससे सट  कर बैठ गई फिर बाइक हवा से बातें करने लगी संजना अपना पूरा वजूद सन्नी के हवाले कर चुकी थी उसे सन्नी के जिस्म की गर्माहट उसकी वासना को और भड़का रहे थे उसने सन्नी को कस कर पीछे से पकड़ लिया था सन्नी भी समझने लगा के आग दोनों तरफ़ से लगी हुई है उसने मजाक में कहा बस थोड़ी देर डार्लिंग और इंतज़ार कर लो फ़िर हम दोनों के जिस्मों को एक दूसरे में समाने से कोई नहीं रोक पायेगा संजना ने भी मज़ाक मैं इस बात पर चुटकी लेते हुए पीछे से एक चुटकी काटी सन्नी अरे ये क्या कर रही हो और फ़िर दोनों हसने लगते हैं और लगभग आधे घंटे के सफर के बाद वह लोग शहर से दूर शहर के एक बदनाम होटल के सामने उनकी बाइक रूकती है सन्नी ने ग्राउंड फ्लोर मैं जाकर बाइक पार्क करता है और फ़िर संजना और सन्नी एक दूसरे के बाहो  में हाथ डाले होटल के मैन गेट की तरफ बढ़ने लगते हैं  सन्नी इस होटल में इससे पहले भी  कई बार यहां अपना शिकार लेकर आ चुका था होटल के  रिसेप्शनिस्ट से भी उसकी अच्छी दोस्ती हो गई थी दो-तीन घंटे की मोह मांगी कीमत जो उसे मिलती थी आज फिर वह एक नया शिकार लेकर आया था वह लोग काउंटर की तरफ बढ़े जहां पर होटल का रिसेप्शनिस्ट एक अधेड़ उम्र का आदमी मुकेश बैठा था सन्नी को देखते ही उसने हाथ उठा कर प्रणाम किया सन्नी ने इशारों में ही सर झुका उसके प्रणाम का जवाब दिया और बोला "और महेश बाबू सब कुशल मंगल है ना"महेश हाथ जोडकर जवाब देता है" बस सब आप लोगो की किरपा है सरकार" सन्नी मजाक में कहता है"हम लोगों पर भी थोड़ी किरपा रखिए गा"महेश अचरज मैं जवाब देता है" अरे क्या बोलते है मालिक बोलिए तो  जान हाजिर है "सन्नी, हंसते हुए" अरे नहीं मैं मज़ाक कर रहा था"  और फ़िर दोनों होटल मैं रूम कि तरफ़ बढ़ने लगते हैं  दोनों हाथों में हाथ डाल  कर, धड़कते  दिल की धड़कनों के साथ होटल के उस कमरे की तरफ बढ़ने लगे जिसे सन्नी ने पहले ही बुक कर लिया था कई अजनबी आंखें उन्हें घूर रही थी शराब की बदबू पूरे माहौल को और भी डरावना बना रही थी संजना ने झिझकते हुए पूछती है कि" तुम मुझे यह कहां ले आए हो मैं यहां बहुत अनकंफर्ट महसूस कर रही हूं सारे लोग हमें कितनी गंदी नज़रों से घूर रहे हैं कहीं और चलते हैं सनी "सन्नी, संजना को जवाब देता है"अरे, डार्लिंग एकदम रिलैक्स हो जाओ इससे सेफ जगह इस पूरे शहर में और कहीं नहीं है "और वह उसकी कलाई को कसकर पकड़ कर तेजी से  बुक किए हुए कमरे की तरह बढ़ने लगता है वह लोग जैसे ही उस कमरे के दरवाजे तक पहुंचने में कुछ कदम बाकी रहता है उससे पहले ही  संजना रुक जाती है और आगे बढ़ने में हिचकिचाने लगती है सन्नी बेचैन होकर पूछता है"अरे, अब काहे को नखरा दिखा रही हो संजना रूम के अंदर चलो "संजना घबराते हुए कहती है"सन्नी मैं अन्दर नहीं जाऊंगी यहां मुझे बहुत घबराहट हो रही है मुझे प्लीज़ स्टेशन छोड़ दो स्टेशन छोड़ दो मेरी तबीयत ठीक नहीं लग रही है "सन्नी अचरज से उसे देखता है और कहता है" अब तुम स्टेशन जाने की बात क्यों कर रही हो जब के मंजिल सामने है बस एक दो घंटे की  बात ही तो है फिर मैं तुम्हें स्टेशन छोड़ दूंगा" संजना रूहांसे स्वर में बोलती है" नहीं मुझे कुछ भी अच्छा नहीं लग रहा है मुझे अंदर से बहुत घबराहट हो रही है, तुम मुझे प्लीज़ स्टेशन छोड़ दो सन्नी फिर कभी मैं यहां आ जाऊंगी" और वह उसके हाथ से अपनी कलाई  छुड़ाने लगती है"सन्नी अब अपने असली रूप में अा जाता है और एक ज़हरीली मुस्कान उसके होठों पे आती है और वह कहता है" यह तुम क्या बोल रही हो  संजना अब तुम दुबारा यहां थोड़ी ही आओगी जानेमन, इतनी मुश्किल से पटा कर तुम्हें मैं यहां लेकर आया हूं और तुम जाने की बात कर रही हो"संजना को यह एहसास होने लगता है के वह अब सन्नी के बिछाए जाल में पूरी तरह फंस चुकी है और यहां से निकलना अब बहुत मुश्किल है वह पूरा ज़ोर लगाकर सन्नी के हाथों से अपनी कलाई छुड़ाने की कोशिश करती है और चिल्लाते हुए कहती है"मुझे जाने दो सन्नी नहीं तो में हल्ला करूंगी और लोगों को अपनी मदद के लिए बुला ओंगी "सन्नी उसे पूरे कॉन्फिडेंट के साथ जवाब देता है"अब कोई फायदा नहीं डार्लिंग यहां से तो तुम्हे भगवान भी बचा नहीं सकता" और वह संजना की कलाई को कस कर पकड़ कर रूम के दरवाज़े की तरफ खींचने लगता है वह उसके हाथ से अपनी कलाई को छुड़ाने की भरसक कोशिश करती है पर छोड़ा नहीं पाती है और जोर जोर से रोने और चिल्लाने लगती है पर वहां उसकी पुकार सुनने वाला कोई नहीं था क्योकि यह होटल इन्हीं सब कामों के लिए बदनाम था यहां गुंडे मवालियों का ही जम घटा लगा रहता था संजना के रोने, चिल्लाने और विनती करने का  सन्नी के ऊपर कोई  असर नही हो रहा था उस पर तो वासना का भूत पूरी तरह से सवार हो चुका था और उसे तो किसी भी तरह से संजना का खूबसूरत जिस्म हासिल करना था, सन्नी उसे घसीटता हुआ होटल के कमरे के दरवाज़े तक ले जाता है और एक ज़ोर दार धक्का उसे पीछे से मारता है  इस जोरदार धक्के से वह अपने आप को संभाल नहीं पाती है, सन्नी के किरदार में अचानक आई  इस तब्दीली और उसका वहसी वाला रूप तो उसे पहले ही से सकते में डाल चुका था और इस अचानक हमले से वह  पूरी तरह अनजान थी और वह खुद को संभाल नहीं पाई और उसका जिस्म दरवाजे के पलडे से टकराता हुआ सीधा जमीन पर आ गिरा सन्नी ने बिजली की फुर्ती से दरवाजा बंद कर दिया अभी संजना इस स्तिथि से अपने आप को  संभाल भी नहीं पाई थी और उठने की कोशिश कर ही रही थी  के  किसी के   कदमों की आहट उसे अपनी ओर आती हुई  महसूस होने लगी जब उसने अपना सर ऊपर उठाकर देखा वह कोई और नहीं सन्नी का दोस्त साहिल था सन्नी एक शैतानी मुस्कुराहट के साथ साहिल से कहता है" कैसा रहा सरप्राइस मेरे दोस्त "                      

साहिल जवाब देता है" एकदम मस्त,क्या जबरदस्त माल पटाया है भाई अब और सब्र मत करा भाई जल्दी उठा कर ले चल इस तंदूरी चिकन को बेड पर "                   और फिर दोनों दोस्त संजना के जिस्म पर भूखे भेड़ियों की तरह टूट पड़ते हैं ।

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ये कहानी तीन मुख्य पात्रों के इर्द गिर्द घूमती है इन किरदारों से हमारा सामना होता रहता है।इस कहानी के जीवंत संवाद आपको एक नई दुनिया में लेकर जाएंगे और आप खुद को कहानी के एक पात्र के रूप मे महसूस करेंगे।

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