अध्याय 2: छुपा हुआ कमरा
सुबह होते ही मीरा उठ गई। उसका मन हॉली के रहस्यों को सुलझाने को ललकार रहा था। वह राजेश और सुमन से मिलने उनके घर गई।
हम आज हॉली में एक बार फिर जाएंगे। मीरा ने कहा।
लेकिन वहां तो कुछ नहीं मिला था। सुमन ने कहा।
शायद हमने सही से नहीं देखा। कोई राज जरूर छुपा हुआ है। चलो फिर से जाकर तलाश करते हैं। मीरा ने दोनों को राज़ी कर लिया।
वे तीनों हॉली की ओर रवाना हुए। पहुंच कर वे हर जगह ढूंढने लगे। तभी मीरा को एक छोटा सा दरवाजा नजर आया।
यहां देखो, ये दरवाजा तो बंद लग रहा है। मीरा ने कहा।
सावधानी से उन्होंने दरवाजा खोला और अंदर देखा। एक छोटा सा कमरा था जिसमें कुछ भी नहीं था, सिवाय एक चित्र के।
देखो, यहां तो कोई चित्र है। राजेश ने कहा।
वे तीनों चित्र के पास गए और देखा। चित्र में एक युवक और युवती की कहानी दिखाई दे रही थी। वे प्यार में थे लेकिन उनके रिश्ते को कोई नहीं चाहता था।
फिर क्या हुआ? मीरा ने पूछा।
तभी चित्र में कुछ हिला और उसमें से कहानी निकलने लगी। युवक और युवती को मार दिया गया था। उनकी आत्माएं अब भी इस मकान में फंसी हुई थीं।
सब डर गए। क्या हुआ ये? राजेश ने पूछा।
शायद चित्र हमें यहां की सच्चाई बता रहा है। मीरा ने कहा। उसे लगा कि ये चित्र ही हॉली का राज बयां कर रहा है।
हमें इस बारे में और जानकारी हासिल करनी होगी। चलो गांव वालों से बात करते हैं। मीरा ने कहा।
वे तीनों हॉली से बाहर निकले और गांव की ओर रवाना हुए। गांव में बुजुर्गों से बातचीत करने लगे। क्या पता चला, यह पढ़िए अगले अध्याय में।