एक छोटे से गाँव में एक चिड़िया रहती । चिड़िया छोटे-बड़ो का सम्मान भी करती थी। चिड़िया बहुत ही प्यारी थी। वह हमेशा खुश रहती थी और अपने आसपास के सभी जानवरों से प्यार से रहती।
एक दिन, चिड़िया पेड़ पर बैठी हुई थी। तभी, उसे एक छोटा सा बच्चा रोता हुआ दिखा । वह बच्चा अपने घर से खो गया था और उसे घर नहीं मिल रहा था।
चिड़िया ने सोचा कि उसे बच्चे की सहायता करनी चाहिए। वह बच्चे के पास उड़कर गई और उसे चुप करा दिया। फिर, वह बच्चे को अपने घर ले गई। उस चिड़िया ने सहायता की और बच्चे को उसके घर पहुंचा दिया।
बच्चे के माता - पिता अपने खोए हुए बच्चे को पाकर बहुत खुश हुए। उन्होंने चिड़िया को तहेदिल से बहुत - बहुत धन्यवाद दिया। चिड़िया ने कहा, "धन्यवाद स्वीकार है। मैं हमेशा खुशी से आपकी सहायता करूंगी।"
चिड़िया की सहायता से खोया हुआ बच्चा अपने घर वापस आ गया। बच्चे के माता - पिता ने चिड़िया को एक छोटा सा घर (घोंसला) पुरुस्कार स्वरूप दिया। जिसे देख प्यारी सी चिड़िया बहुत खुश हुई।
सीख:
चाहे वह इंसान हो या जानवर। हमें दूसरों के सुख - दुख में शामिल होना चाहिए और उनकी निस्वार्थ सहायता करनी चाहिए।