मेरी डायरी, आज घर में सफाई करते हुए महसूस हुआ कि हम कितनी ही चीजें बिना जरूरत की संजो कर रखते हैं | पता नहीं कब काम आ जाये | परन्तु ऐसा कुछ नहीं होता है | इसलिए हमें ज्यादा- से-ज्यादा छह महीना देखने
मेरी डायरी, आज मैं बहुत खुश हूँ। क्योंकि मुझे एक मुकाम मिला है। कुछ नया ज्ञान, कुछ नई विवेचना, जो हमारे रास्ते को आसान बनाती हैं। मेरी संस्था मेरी पहचान है। आज पद्य माह की गोष्ठी थी। मेरी कविता - प
मेरी डायरी , आज मैं अपने विचारों को तुमसे बाँटना चाहती हूँ | अधिकतर बुजुर्गों को देखा है कि उन्हें अपने घर से ज्यादा प्रेम होता है | नानी , दादी और माँ- पापा सभी को देखा है घर के लिए परिवार को छोड़ते
मेरी डायरी, तुमने मेरे कुछ महत्त्वपूर्ण नोट्स खो दिए | ऐसा क्यों किया ? मुझे तो लिखने की लत है, किसी तरह लिख लूँगी | परन्तु तुम ने मेरे दिमाग की उथल-पुथल को खो दिया | खैर, मैं ढूँढने का प्रयत्न कर रह
8 / 5 / 22 मेरी डायरी, आज का दिन तो अपने घर को व्यवस्थित करने में ही रह गई | उफ, यह काम कितना मुश्किल होता है | असल में विद्यार्थियों और स्कूल के बीच घर के कोनों को देख ही नहीं पाती थी | उन सभी कबा
प्रिय डायरी , आज मुझसे मिलने एक लड़की आई | वह पेशे से आर्किटेक इंजिनियर है | उससे उसके काम की जानकारी लेने के क्रम में मुझे पता चला कि आज भी हमारे गाँव कितने पिछड़े हुए हैं | वहाँ अभी भी लोग अनपढ़ हैं |