प्रस्तुत है प्रजातान्त्रिक व्यवस्था में पूंजपतियों के हस्तक्षेप को दृष्टि गोचित करती हुई व्ययांगात्मक कविता " डेमोक्रेटिक बग"।
0.0(0)
11 फ़ॉलोअर्स
14 किताबें
आजकल का जो जनतांत्रिक शासन तंत्र है उसमें पूंजीवादियों के हस्तक्षेप के कारण जनता की भूमिका नगण्य रह गई है। इस प्रजातांत्रिक व्यवस्था में पूंजीपति आम जनता के कीमती वोट का शिकार बड़ी आसानी से कर लेते