सुनील को दिल्ली की फ्लाइट पकड़नी थी, और वह सुबह जल्दी उठकर तैयार होने लगता है, वह फ्रेश होकर वाश रूम से बाहर आता है , तो उसके कपड़े नही मिलते हैं तो वह अपनी पत्नी पर भड़क उठता है, कि उसने उसके कपड़े प्रेस वाले के यहां से नही मंगाए, अब बेचारी संगीता भी क्या करे सारे घर की जिम्मेदारी उसके ही सर पर है , सुबह चाय से शुरुवात होती हैं और फिर ब्रेकफास्ट बनाना बच्चो को तैयार करना फिर सास ससुर को टाईम पर दवा देना , उनकी देख भाल करना सभी कुछ तो उसी को करना पड़ता है, बेचारी तो कई बार दोपहर का खाना भी नहीं खा पाती हैं, सुनिल उसे डांट कर तुरंत कपड़े प्रेस करने को बोलता है,वह बेचारी कपड़े प्रेस करने लगती है, सुनिल की अर्जेंट मीटिंग है , पार्टी ने ही उसका रिटर्न टिकट भी करवाया है, अगर यह मीटिंग सक्सेस होती है तो एक साल में उसे एक करोड़ मिलने की उम्मीद है , और घर वाले हैं कि समझते ही नही कोई काम ढंग से नहीं करते हैं, संगीता कपड़े प्रेस करके देती है और उसका ब्रेक फास्ट लाकर रखती है, तो वह फिर चिढ़ उठता है , उसने आज इडली बनाने के लिया कहा था और उसने पोहा बनाया था, अब संगीता भी क्या करे, घर के बाकी सदस्य को पोहा खाना था, तो अकेले के लिए इडली कैसे बनता , फिर भी वह सुनिल से रिक्वेस्ट करती है कि खा लिजिए कल इडली बना दूंगी, खैर जैसे तैसे वह खाता है, और भड़क कर कहता है आज मेरी फ्लाइट छुड़वा देगी, तो समझ लें तेरा हिसाब कर दूंगा, वह कहती हैं अब मैं क्या करूं , एक मिनट भी बैठी नही हुं, ! सुनील गुस्से से उसे देखता है और बाहर जाता है और मां बाबूजी के पैर छूकर आशीर्वाद लेकर जाता है, वह गाड़ी में बैठता है, ड्राइवर गाड़ी लेकर चलता है , वह फास्ट चलने को कहता है, ड्राइवर कहता है" सर आप पहले ही लेट निकले हैं ,! सुनिल उस से कहता है ," ज्यादा मत बोल ,जल्दी गाड़ी ले चल , "!
गाड़ी में रोड पर आती है तो सामने पूरा ट्रैफिक जाम दिखता है, पता चलता है कि ,अभी 10 मिनट पहले ही एक्सीडेंट हुआ है ,3 लोग की डेथ हो गई है, रोड क्लियर होने में समय लगेगा,सुनील रिवर्स लेकर दूसरे रास्ते से होकर जाने के लिए कहता है, तो उनके पीछे भी कई गाड़ियां लग जाती है ,तो वह रिवर्स भी नहीं ले सकता है, तो सुनिल ड्राइवर को भी डांटता है, और गाड़ी से बैग लेकर बाहर निकलता है, और पैदल दूसरी तरफ जाता है और टैक्सी पकड़ता है, दूसरे रास्ते पर भी आगे जाकर जाम लगा हुआ मिलता है, तो वह एकदम आपा खो दिया, और वह संगीता से लेकर सभी को दोषी ठहराने लगता है, वह टैक्सी छोड़कर फिर पैदल चलने लगता है, और थोड़ा आगे जाकर दूसरी टैक्सी पकड़ता है, पर वह टाइम देखता है, तो उसे लगता है कि अब फ्लाइट छूट जायेगी, फिर भी वह आगे बढ़ता है , थोड़ी दूर जाने पर ही उसकी फ्लाइट का बोर्डिंग टाईम हो गया, वह एयरपोर्ट पहुंचता है और उसकी फ्लाइट उसके सर पर से गुजरती हैं, वह दूसरी फ्लाइट के लिए ट्राई करता है पर किसी में टिकट अवेलेबल नही था ,और जिसमे मिल रहा था, वह वाया फ्लाइट थे जिसमे उसे बहुत टाईम लगता ,वह पार्टी को कॉल करता है तो वह लोग भी नाराज़ होते हैं कि उसे काम की वैल्यू नही है, और उस से कहा कि अब जब होगा बताएंगे !!
सुनिल को बहुत गुस्सा आता है वह सारा दोष संगीता पर डालता है ,उसे उस पर इतना गुस्सा आता है कि घर पहुंचते ही उसकी खूब पिटाई करे, वह टैक्सी पकड़ कर घर की तरफ जाता है ,उसे और गुस्सा आता है कि घर जाते समय रास्ता एकदम क्लियर था, वह घर के दरवाजे पर पहुंच कर बेल बजाता है ,संगीता रोते हुए दरवाजा खोलती है, तो सामने सुनिल को देख चौक उठती है, और उसके गले लग जाती हैं वह समझ नही पाता है की ये क्या कर रही है , संगीता चिल्ला कर कहती है " पापा सुनिल वापस आ गए हैं, वो एकदम ठीक है उनकी फ्लाइट छूट गई, सुनिल को गुस्सा तो बहुत था पर ये क्या हो रहा है समझ नही पाता है उसके पिता बाहर आकर उसे गले लगा कर रोते हैं, वह उसे अंदर लाते हैं सामने ब्रेकिंग न्यूज़ चल रहा है कि दिल्ली जाने वाली फ्लाइट उड़ने के ठीक बीस मिनट बाद क्रैश हो गई, और सारे पैसेंजर मारे गए, उसमे सुनिल का नाम नहीं था, सुनिल सर पकड़ कर बैठ जाता है , अब उसे संगीता पर बहुत प्यार आता है,सभी उसे घेर के बैठे थे, उस क्लाइंट का भी कॉल आता है कि आप बच गए ये भगवान की कृपा है, सुनिल सोचता है यही नियती है, अगर लेट नही होता तो अभी वह भी लेट हो गया होता, वह संगीता को गले लगाता है,!!!