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दीपावली आप आएं!

27 अक्टूबर 2019

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मन में जो द्वेष भरे हैं,

दीपों की टीम टीम में सब जल जाएं।

अगंध से जो दिल हैं हमारे,

गेंदों की सुगंध से महक जाएं भर जाएं

मुहब्बत जो अनकहे रह गए हैं,

रंगोली के रंगों से खिल जाएं निखर जाएं।

इरादे जो डगमग से हैं,

गणपति सब पूरा पक्का कर जाएं।

जो मुश्किल है जीने में,

लक्ष्मी अपने साथ झोली भर कर ले जाएं।

जीवन में जो अंधेरे हैं,

दीपावली आप आएं और साथ सब हर ले जाएं।


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