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Dr neelam singh के बारे में

मैं dr नीलम सिंह एक नवोदित साहित्यकार हूँ जो हिन्दी साहित्य में अपना महत्वपूर्ण योगदान देना चाहती हूँ ।काव्य और गद्य दोनों प्रकार की विधाओं के लेखन में मेरी रुचि है ।

पुरस्कार और सम्मान

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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2022-02-21

Dr neelam singh की पुस्तकें

Dr neelam singh के लेख

नारी तू नारायणी

8 मार्च 2022
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*नारी तू नारायणी …*आज़ विश्व मना रहा अंतराष्ट्रीय नारी दिवस ,एक दिन नहीं बखान सकता नारी का यश ,असीम है ब्रह्मांड में नारीत्व की गरिमा ,वेद भी बखानते है मुक्त कंठ इसकी महिमा ।वेद उवाच “यत्र नार्य

काश दर्द के ज़ुबान होती

7 मार्च 2022
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*काश दर्द के ज़ुबान होती*काश दर्द के ज़ुबान होती ,बिन कहे कहती सुनती,रूह की सहेली ही सही हर पल साथ ही रहती ।अकेली खामोश तन्हाइयों भरी लंबी रात ,खुद से खुद की अनकही , अन देखी मुलाकात ।खुद से ही कहते सु

*अब नहीं रही सहन शीलता *

5 मार्च 2022
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*नहीं रही #सहनशीलता **पाँच दशकों में बदली जीवन की परिदृष्यता ,सुख साधन ,चौपहिया वाहन की सहज उपलब्धता ,विलास वैभव अतिरेक, पर्यटन की पूर्ण स्वतंत्रता ,अब नहीं दिखाई देती कहीं लोगों में #सहनशीलता ।

*नीलवर्णी कान्हा तेरी शरणागत*

2 मार्च 2022
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**नीलवर्णी कान्हा तेरी शरणागत **पग पग पर ठोकर खाई ,जग ने नूतन रीत सिखाई ,उपजी मन में मनो कामना ,शरणागत हूँ मुझे थामना ।जीवन है कठिन पहेली ,जाने कितनी ऋतुएं झेली,त्याग सुख दुख का विचार ,खड़ी हूँ आकुल ते

*लंबी है ख्वाहिशों की सूची मेरी*

1 मार्च 2022
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*मेरी #ख्वाहिशें *लंबी है ख्वाहिशों की सूची मेरी ,जानती हूँ मैं रह जायेगी अधूरी ,देखना चाहती हूं धरा का हर कोना,झील,सरोवर,पर्वत घास का बिछौना ,चाहती हूँ हिम मंडित शिखरों को छूना ,ख्वाहिशों

*प्रेम नहीं होता एकतरफा *

28 फरवरी 2022
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कैसे भूल जाऊं भला ससुराल का आंगन ,तुम संग आई थी जहां नतमुख मेरे साजन ,जीवन को मिला जो विस्तार मंगल मय ,आई थी स्वप्न सजा ,तुम संग हो जाऊं लय ।ज्यों साक्षी बनी जनक पुर की पुष्प वाटिका ,प्रेम भाव की उच्च

*खूबसूरत रिश्तों का संसार ,*

27 फरवरी 2022
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*रिश्तों का संसार *खूबसूरत #रिश्तों से महकता संसार ,रिश्ते प्यार,वात्सल्य विश्वास के हजार ,उर मेंअनुभूति के मानो अगम्य सागर ,बहु मूल्य रत्नों से #रिश्तों का आगार ।भोर की लालिमा मय उजास से रिश्ते

चेतना को सूर्य बना दो *

26 फरवरी 2022
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चेतना को सूर्य बना दो -----------------------------प्रभु मन की #ज्योति जला दो ,मन को नभ सा विस्तारित ,चेतना को सूर्य बना दो । जब भी किया आत्म निरीक्षण ,'मैं 'के बिखरे जहाँ तहाँ कण ,करती उसका

ब्रज की गोपियाँ और कृष्ण *

25 फरवरी 2022
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ब्रज की गोपियाँ और कृष्ण—————————-जाना ही था तो क्यों जोड़ा प्रेम बंधन उनकी ही श्यामल छवि से सजा मन कैसे जियें जाते जाते बता जाते ,हम भी उनकी तरह आगे बढ़ जाते ।यमुना तट के कुंजो में उनका ही ध्

*आत्म शक्ति को नहीं भाता हारना*

24 फरवरी 2022
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बात पुरानी मानो बीते युग की है कहानी ,एक लहर सी आई, बह गया नदियों में पानी ,बचपन के प्यारे से दिन थे कितने अनमोल ,उम्र के इस पड़ाव पर मन ने दिया झरोखा खोल ।विद्यालय में स्वतंत्रता दिवस उत्सव आयोजन ,का

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