देवकर के एक किसान कृष्णा साहू को अपनी लड़की की शादी मे होने वाले खर्च के इंतजाम के लिये अपना एक एकड खेत बेचना था । जिसके लिये गांव में ही खरीदार मिल गया था। अब वह पटवारी कामता से रजिस्टरी हेतु कागज़ात तैयार करने हेतु निवेदन करने गया तो पटावारी उससे कई बार विभिन्न कारणों को बताकर पैसा मांगने लगा 3 बार तो उसने जैसे तैसे इंतजाम करके पैसा पटवारी को दिया। पर उसके बाद वह परेशान होकर सोचने लगा कि आगे क्या किया जाए जिससे सांप भी मर जाए और काम भी हो जाए ।
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