दर पे मेरे तुम बेख़ौफ़ आना,
जब तुम्हें छोड़ दे सारा ज़माना ।
आकबत में भी तुमको मिलेंगे,
कुछ ऐसे भी हमको आज़माना ।।
देवराज पटवाल "साहिल"
7 अगस्त 2022
दर पे मेरे तुम बेख़ौफ़ आना,
जब तुम्हें छोड़ दे सारा ज़माना ।
आकबत में भी तुमको मिलेंगे,
कुछ ऐसे भी हमको आज़माना ।।
देवराज पटवाल "साहिल"
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कुछ शायरी का शौक़ है । पढ़ने का मज़ा लेता हूँ और कभी, कुछ लिख भी लेता हूँ ।D